कोरोना महामारी के बाद से सैनिटाइजर हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं. हाथों की सफाई के लिए इन्हें सबसे सेफ ऑप्शन माना जाता रहा है. लेकिन हाल ही में हुए एक शोध ने इस धारणा को चुनौती दी है. विशेषज्ञों का कहना है कि सैनिटाइजर में मौजूद कुछ केमिकल दिमाग की सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं.


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एक नए अध्ययन में पाया गया है कि सैनिटाइजर में मौजूद कुछ केमिकल दिमाग में मौजूद सपोर्ट सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ये सेल्स दिमाग के सामान्य कामकाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि लंबे समय तक सैनिटाइजर का उपयोग करने से इन सेल्स को नुकसान पहुंच सकता है और इससे दिमाग से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं.


क्यों हैं सैनिटाइजर खतरनाक?
सैनिटाइजर में अल्कोहल और अन्य केमिकल होते हैं, जो बैक्टीरिया और वायरस को मारने में तो कारगर होते हैं लेकिन ये केमिकल दिमाग की सेल्स के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि इन केमिकल का लगातार संपर्क में आने से दिमाग की सेल्स में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव हो सकता है.


क्या हैं सैनिटाइजर के नुकसान?
* लंबे समय तक सैनिटाइजर का उपयोग करने से दिमाग की सेल्स को नुकसान पहुंच सकता है.
* सैनिटाइजर के लगातार इस्तेमाल से याददाश्त कमजोर हो सकती है और सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है.
* सैनिटाइजर के कारण ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है और चिंता बढ़ सकती है.
* सैनिटाइजर के कारण सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है.


क्या सैनिटाइजर का उपयोग पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि सैनिटाइजर का उपयोग पूरी तरह से बंद कर देना जरूरी नहीं है. लेकिन इसका उपयोग सीमित मात्रा में और जरूरत पड़ने पर ही करना चाहिए. हाथों को साफ करने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करना सबसे अच्छा विकल्प है.


सावधानी बरतने के उपाय
* सैनिटाइजर का उपयोग केवल तभी करें जब साबुन और पानी उपलब्ध न हो.
* सैनिटाइजर को आंखों और मुंह से दूर रखें.
* सैनिटाइजर का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धो लें.
* बच्चों को सैनिटाइजर का उपयोग करते समय सावधानी बरतने के लिए कहें.