SARS-CoV-2 वायरस के कारण होने वाले कोविड-19 इंफेक्शन ने पिछले 1.5 साल में कई शब्दों को चर्चा का विषय बना दिया है. जिसमें से इम्यूनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मेडिकल वर्ल्ड (Medical World) से उठकर चाय के ठेले तक चर्चित हो गई है. आजकल ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा, जो इम्यूनिटी का नाम नहीं जानता होगा या इसकी कदर नहीं करता होगा. लेकिन इम्यूनिटी के बारे में सही और पर्याप्त जानकारी अभी भी बहुत कम लोग जानते हैं. इसलिए हम यह आर्टिकल लेकर आए हैं, जिसमें आपको इम्यूनिटी के तीन मुख्य प्रकार के बारे में जानने को मिलेगा और आप यह भी जान पाएंगे कि आखिर रोग प्रतिरोधक क्षमता का सबसे ताकतवर प्रकार कौन-सा है.


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इम्यूनिटी और एंटीबॉडीज का मतलब क्या है? (What is Immunity and Antibodies)
जब भी हम इम्यूनिटी या शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में बात करते हैं, तो हमारा मतलब किसी भी बीमारी या संक्रमण के खिलाफ शरीर की लड़ने यानी प्रतिरोध करने की क्षमता से होता है. हमें इम्यूनिटी प्रदान करने वाले इम्यून सिस्टम (Immune System) में एंटीबॉडीज (Antibodies in Immune System) होती हैं, जो किसी भी बाहरी हानिकारक तत्व जैसे- बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट के खिलाफ लड़ती हैं. यह एंटीबॉडी (Antibodies meaning) एक प्रकार का प्रोटीन होती हैं, जो शरीर में घुसे बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट को घेरकर उसे निष्क्रिय बनाती हैं या नष्ट कर देती हैं.
आइए, अब इम्यूनिटी के 3 मुख्य प्रकार (Immunity Types) के बारे में जानते हैं.


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इम्यूनिटी के 3 मुख्य प्रकार (3 Types of Immunity)
इम्यूनिटी के तीन मुख्य प्रकार होते हैं, जो किसी भी संक्रमण या बीमारी से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं. जैसे-
1. एक्टिव इम्यूनिटी (Active Immunity)
हमारे शरीर को एक्टिव इम्यूनिटी तब मिलती है, जब वह किसी संक्रमण या बीमारी के संपर्क में आ जाता है. जब कोई बाहरी तत्व (बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट) शरीर के अंदर घुसकर स्वस्थ सेल्स को नष्ट करने लगता है, तो हमें जन्म के साथ मिली एंटीबॉडीज व इम्यून सेल्स उस बाहरी तत्व को नष्ट करने लगती हैं. हो सकता है इस बार आपको संक्रमण या बीमारी से ठीक होने में कुछ समय लग जाए, लेकिन अगली बार जब आपका शरीर इसी संक्रमण के संपर्क में आएगा, तो शरीर की इम्यून सेल्स इम्यून मेमोरी (Immune Memory) की सहायता से तुरंत इस संक्रमण को नष्ट कर देंगी. एक्टिव इम्यूनिटी पाने का दूसरा तरीका वैक्सीनेशन (Vaccination Immunity) भी होता है. जिससे शरीर में निश्चित संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं. कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination), खसरा टीका आदि भी इसी प्रकार की एंटीबॉडी का निर्माण करते हैं. एक्टिव इम्यूनिटी ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का सबसे मजबूत व ताकतवर प्रकार है, जो सबसे लंबे समय तक चलता है. कुछ मामलों में यह जिंदगीभर फायदा पहुंचा सकता है.


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2. इम्यूनिटी के प्रकार- पैसिव इम्यूनिटी (Passive Immunity)
सीडीसी (CDC) के मुताबिक, पैसिव इम्यूनिटी उसको कहा जाता है, जब आपके शरीर को बाहरी मदद से एंटीबॉडीज प्रदान की जाती है. उदाहरण के लिए, एंटीबॉडी युक्त रक्त चढ़ाना, जन्म के समय प्लासेंटा के द्वारा मां से शिशु को एंटीबॉडीज मिलना आदि. पैसिव इम्यूनिटी कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक बनी रह सकती है. लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि शरीर में पैसिव इम्यूनिटी के सहारे एंटीबॉडीज दाखिल होते ही सुरक्षा देना शुरू कर देती हैं. वहीं, इसके विपरीत एक्टिव इम्यूनिटी को बनने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है.


3. हर्ड इम्यूनिटी (Herd Immunity)
हर्ड इम्यूनिटी को पोपुलेशन इम्यूनिटी (Population Immunity) या कंम्युनिटी इम्यूनिटी (Community Immunity) भी कहा जाता है. डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक, यह संक्रामक बीमारियों (Infectious Disease) के खिलाफ अप्रत्यक्ष सुरक्षा प्रदान करती है. हालांकि, इसके कारण संक्रमित व मरने वाले व्यक्तियों की संख्या में इजाफा होता है, इसलिए डब्ल्यूएचओ इसकी सलाह नहीं देता है. इसके बजाय डब्ल्यूएचओ वैक्सीनेशन के द्वारा हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity with Vaccination) प्राप्त करने की सलाह देता है, जो कि ज्यादा समय तक चलती भी है और भरोसेमंद भी होती है. जब किसी संक्रमण के कारण किसी समूह, राज्य या देश की अधिकतर जनता (70-80 प्रतिशत) संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुकी होती है, तो उसे हर्ड इम्यूनिटी कहा जाता है. चूंकि, वायरस को फैलने के लिए कैरियर (स्वस्थ व्यक्ति) कम या ना के बराबर मिलते हैं, तो बचे हुए 20 से 30 प्रतिशत स्वस्थ लोगों के संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है.


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रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रकार - इम्यूनिटी कैसे बूस्ट करें? (Boosting Immunity)
किसी निश्चित बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट के खिलाफ इम्यूनिटी बूस्ट करने का तरीका जानने के लिए आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए. इसके अलावा निम्नलिखित तरीके भी मददगार हो सकते हैं. जैसे


  • टीका लगवाना

  • हेल्दी डाइट लेना

  • एक्सरसाइज करना

  • स्मोकिंग व एल्कोहॉल से दूरी

  • मेडिटेशन करना, आदि


यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसकी हम पुष्टि नहीं करते हैं.