Cancer symptoms in hindi: गले के कैंसर (Throat Cancer) एक घातक रोग है जिसमें गले के अंदरी भाग में हेल्दी सेल्स के अनियंत्रित विकास के कारण अवशोषित गांठें बनती हैं. गले के कैंसर क मामले अनदेखी से घातक हो रहे हैं, ऐसे में इसके मरीजों को जान गंवानी पड़ती है. यह रोग सामान्यतः वयस्कों में पाया जाता है. गुटखा-शराब के सेवन से गर्दन के अंदर नरम सतहों की स्क्वैमस सेल्स में कैंसर बाद में घातक हो जाता है. आज हम आपको इनके दो प्रमुख संकेतों के बारे में जानकारी देंगे, जिनको नजरअंदाज करना आपके लिए भारी पड़ सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अचानक आवाज दलने लगे या गले में लगातार चुभन तो तुरंत सचेत हो जाएं. यह गले के कैंसर के दो प्रमुख संकेत हैं. जेके कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट की मानें तो अब 18-30 साल के युवाओं के मुंह, नाक और गले की इन्हीं सतहों में शुरुआत में कैंसर मिल रहा है. एक्सपर्ट के अनुसार सिर और गले कैंसर को व्यापक रूप में लेना होगा क्योंकि इसमें लेयरिंग और फेयरिंग दोनों को शामिल किया जाता है.


गले के कैंसर के जिम्मेदार कौन?
गले के कैंसर के लिए मुख्य रूप से सिगरेट, शराब, तंबाकू, गुटखा जिम्मेदार होते हैं. यदि समय पर गले के कैंसर के संकेतों पर ध्यान दिया जाए तो इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है. अगर आवाज में बदलाव या निगलने में कठिनाई 7- 10 दिन में ठीक नहीं हो रही है, उसे डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है. शुरुआत में इन्हीं लक्षणों के आधार पर गले के कैंसर के मरीज आए थे.


इस तरह हुई पहचान
सिर और गले के कैंसर मरीजों की केस हिस्ट्री में सामने आया कि मरीजों को आवाज में बदलाव, कान में दर्द, गर्दन में सूजन, निगलने में परेशानी जैसे कुछ संकेतों के आधार पर शुरुआत में ही गले के कैंसर की पहचान हुई. वास्तव में सिर और गर्दन का कैंसर एक मेडिकल शब्द है, इसमें गला, नाक, साइनस और मुंह में या उसके आसपास विकसित कैंसर को भी लिया जाता है. अधिकांश सिर और गर्दन के कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा ही होते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)