6 अगस्त को लगातार तीन मैच जीतकर पेरिस ओलंपिक महिला कुश्ती के 50 किलो वर्ग के फाइनल में पहुंचने वाली विनेश फोगाट को ओवरवेट के कारण डिसक्वालीफाई कर दिया गया है. पूरा देश इस खबर से दुखी है. हर किसी ने विनेश फोगाट से गोल्ड मेडल की उम्मीद लगा लिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं हरियाणा की इस पहलवान ने देश को मेडल दिलाने के लिए सिर्फ 12 घंटे में 2.6 किलो वजन कम किया जो कि जानलेवा भी हो सकता था. 


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विनेश के वजन को कम करने के लिए जाने माने डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला की मदद ली गई थी. लेकिन इससे कुछ खास फायदा नहीं हुआ. डॉक्टर ने न्यूज एंजेंसी से बातचीत में बताया कि मंगलवार को सेमिफाइनल में जीत के बाद विनेश फोगाट का वजन अचानक 52.7 किलो हो गया था. हमारे पास समय बहुत कम था. भरपूर प्रयास किया गया लेकिन सिर्फ 2.6 वजन ही कम हो सका. डॉक्टर को यह तक कहना पड़ गया था कि हम उनकी जान खतरे में नहीं डाल सकते हैं. बता दें कि अभी विनेश फोगाट हॉस्पिटल में एडमिट हैं.

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सेमीफाइनल के बाद 12 घंटे में क्या-क्या हुआ


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विनेश फोगाट सेमीफाइनल के बाद रात भर सोई नहीं. उन्होंने अपना वजन 50 किलो करने के लिए रात भर वर्कआउट किया. उन्होंने रात में ना तो खाना खाया और ना ही पानी पिया, इसके साथ ही वह साइकिलिंग, जॉगिंग, स्किपिंग कर रही थी. इसके साथ ही उन्होंने वजन कम करने के लिए पेट साफ करने का तरीका भी आजमाया. स्पोर्टस्टार के मुताबिक, जब ये प्रयास कम पड़े तो विनेश फोगाट बाल काटने, और खून निकालने जैसे तरीके भी अपनाए. 


कितना खतरनाक है रैपिड वेट लॉस 

हर कोई जल्दी वेट लॉस करना चाहता है. मोटापा से परेशान लोग आमतौर फास्ट वेट लॉस टिप्स इंटरनेट पर खूब सर्च करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, ऐसा करना शरीर के लिए कितना खतरनाक होता है. इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. संजय गुप्ता बताते हैं कि  रातों-रात 2-3 किलोग्राम वजन कम करना न केवल असंभव है, बल्कि "खतरनाक" भी है. यानी की ऐसा करने से आपकी जान भी जा सकती है.


फास्ट वेट लॉस के दौरान क्या होता है

एक्सपर्ट बताते हैं कि जब आप तेजी से वजन कम करने के लिए कैलोरी का सेवन बहुत कम कर देते हैं, तो आपके शरीर के ग्लाइकोजन स्टोरेज (प्राथमिक ऊर्जा स्रोत) तेजी से खत्म हो जाते हैं. इससे ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है. इससे हाइपोग्लाइसीमिया होने का भी खतरा होता है. 


हाइपोग्लाइसीमिया कितना खतरनाक है

डॉ. गुप्ता ने बताया कि हमारा मस्तिष्क ग्लूकोज के बिना 2-3 मिनट से ज्यादा नहीं रह सकता है. उन्होंने कहा, यहां तक कि 2-3 मिनट भी गंभीर और परमानेंट ब्रेन डैमेज का कारण बन सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा समय तक रहने पर आपका परमानेंट ब्रेन डेट हो सकता है या आप कोमा में भी जा सकते हैं. यदि इसका उपचार न किया जाए तो गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया के कारण दौरे, बेहोशी और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।