Mask to prevent Corona: ओमिक्रॉन के मामले भारत में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और इससे बचाव के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है. भारत में कई राज्य सरकारों ने क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने से मना कर दिया है और नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका कपड़े वाला मास्क ओमिक्रॉन से बचाता है या नहीं? दरअसल, इसको लेकर एक्सपर्ट्स ने काफी चिंता जताई है. आइए जानते हैं कि कपड़े के मास्क और ओमिक्रॉन से बचाव को लेकर एक्सपर्ट ने क्या कहा?


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फैशन के लिए अच्छा है कपड़े का मास्क?
हेल्थ एक्सपर्ट्स और कोरोना वैरिएंट के बारे में अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने ओमिक्रॉन को पिछले सभी वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक बताया है और काफी एहतियात बरतने के लिए कहा है. वहीं, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में बतौर प्रोफेसर कार्यरत ट्रिश ग्रीनहाल ने अधिकतर कपड़े के मास्क को सिर्फ फैशन के लिए अच्छा बताया है. उनके मुताबिक, कोरोना से बचाने में विभिन्न मटेरियल को मिलाकर बने डबल या ट्रिपल लेयर मास्क ज्यादा असरदार होते हैं.


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क्यों असरदार नहीं होते कुछ कपड़े वाले मास्क?
ग्रीनहाल के मुताबिक, अधिकतर मैन्युफैक्चर कपड़े के मास्क को बिना किसी मानक से गुजारे तैयार कर रहे हैं. जिससे उनके असर और गुणवत्ता के बारे में सटीक जानकारी नहीं होती है. लेकिन, दूसरी ओर एन-95 रेस्पिरेटरी जैसे मास्क विभिन्न मानकों से गुजरते हैं. जिसमें कम से कम 95 फीसदी कणों को रोकने की क्षमता जांची जाती है. इसलिए, आप अगर कपड़े का मास्क भी इस्तेमाल करें, तो सिंगल-लेयर मास्क ना लें यानी उसमें कपड़े की सिर्फ एक परत नहीं होनी चाहिए. वहीं, आप दोगुनी सुरक्षा पाने के लिए कपड़े के मास्क के नीचे सर्जिकल मास्क भी उपयोग कर सकते हैं. साथ ही मास्क को इस्तेमाल करते हुए यह ध्यान रखें कि आप आसानी से सांस ले पा रहे हों.


कपड़े का मास्क इस्तेमाल करने के पीछे सबसे बड़ी वजह पर्यावरण के लिए अच्छा होना और कई बार इस्तेमाल करना होता है. लेकिन, आजकल मार्केट में दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे मास्क भी उपलब्ध हैं, जो मानकों पर खरे उतरते हैं.


यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.


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