H5N2 Bird Flu First Human Death: बर्ड फ्लू को साइंटिफिक लैंग्वेज में एवियन इन्फ्लूएंजा या एच5एन2 भी कहा जाता है, ये एक तरह का वायरल इंफेक्शन हो जो पक्षियों को प्रभावित करता है. हालांकि कुछ वायरस के सबटाइप्स ऐसे भी हैं जो इंसान को भी बीमार कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी, कफ, बदन दर्द और गले में खराश का सामना करना पड़ सकता है. इस संक्रमण से इंसान की जान भी जा सकती है. यही वजह है कि जब बर्ड फ्लू फैलता है तो पॉलट्री फॉर्म से दूर रहने की सलाह दी जाती है.


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एच5एन2 से इंसान की मौत


वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने 5 जून को कंफर्म किया कि मैक्सिको के रहने वाले 59 साल एक शख्स की जान एच5एन2 की वजह से चली गई. इस वायरस के कारण पहली बार ह्यूमन डेथ रिकॉर्ड किया गया है. 24 अप्रैल को जिस इंसान की मृत्यु हुई थी उसका पॉल्ट्री से कोई एक्सपोजर नहीं हुआ था. ऐसे में चिंता की बात ये है कि फिर इस वायरस का ट्रांसमिशन कैसे हुआ?



साइंटिस्ट क्यों हैं फिक्रमंद?


मैक्सिको में मौत की घटना ये इशारा करती है कि वायरस ट्रैडिशनल रूट ( पॉल्ट्री एक्सपोजर) के बिना भी इंसानों में फैल सकता है. एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ स्ट्रेन, जैसे कि H5N1, मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं और गंभीर सांस की बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
 




दुनियाभर में फैलने से रोकना है


एवियन इन्फ्लूएंजा एक जूनोटिक बीमारी है, जिसका मतलब है कि ये जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है. पॉल्ट्री उद्योग और इंटरनेशनल ट्रैवल के जरिए ये दुनियाभर में फैल सकता है जिसके कारण ये डिजीज इंटरनेशनल हेल्थ इमर्जेंसी बन सकती है.


हालांकि एवियन इन्फ्लूएंजा के इंसानी मामले दुर्लभ हैं, लेकिन वायरस के अनुकूलन और मनुष्यों के बीच फैलने की क्षमता एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है. इस वायरस के ट्रासमिशन या विषाणु के एक नए स्तर को जाहिर करता है जो पहले इस क्षेत्र में नहीं देखा गया था. मेक्सिको में इंसानी मौत का मामला जूनोटिक डिजीज से पैदा हुए खतरों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि ये बीमारी ज्यादा न फैले.