गांवों में मेंस्ट्रुअल एजुकेशन की जरूरत क्यों? जानिए महिलाओं को क्या हो सकता है फायदा
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मेंस्ट्रुअल साइकल के बारे में कई बार लोग बात करने में शर्म महसूस करते हैं, खासकर गांवो में ये ज्यादा देखा जाता है, लेकिन अब जरूरत इस ट्रेंड को बदलने की है और मासिक धर्म की शिक्षा की मदद से ये मुमकिन हो सकता है.
Why Menstrual Education is Important in Rural Areas: ग्लोबल सोशल रिवॉल्यूशन में भारत काफी आगे रहता है, लेकिन जब ग्रामीण क्षेत्रों में मेंस्ट्रुअल एजुकेशन और हाइजीन की बात आती है तब कमी जरूर नजर आती है. कई सर्वे में ये बात सामने आई है गांवों में ज्यादातर महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान हाइजीनिक प्रोडक्ट्स यू ज नहीं करतीं, कई महिलाएं तो साफ-सुथरे तरीकों से अंजान हैं. वो अक्सर माहवारी के दौरान गंदा कपड़ा यूज करती हैं जिससे इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. आइए जानते हैं कि ग्रामीण इलाकों में मासिक धर्म की शिक्षा क्यों जरूरी है.
मासिक धर्म की शिक्षा की जरूरत क्यों?
1. टैबू को तोड़ना
पीरियड आना भले ही एक नॉर्मल बायोलॉजिकल प्रॉसेस है, लेकिन गां में इसे टैबू से जोड़कर देखा जाता है, जिसको लेकर खुलकर बात करने से लोग शर्माते हैं. इसके अलावा मेंस्ट्रुअल साइकल के दौरान महिलाओं को अक्सर किचन से दूर रहने, खाना न छूने, पौधों को पानी न देने की सलाह दी जाती है. अगर मासिक धर्म की सही शिक्षा दी जाए तो ऐसे टैबू को खत्म करने में मदद मिलेगी.
2. पीरियड के लिए तैयार होना
गांव में टीन एज लड़कियों को पीरियड के बारे में पहली बार तब पता चलता है जब वो अचानक अपने खून के धब्बे देखती हैं, इसको लेकर वो कई बार घबरा जाती हैं और मानसिक तनाव का सामना करती हैं. इसका मतलब है कि मासिक धर्म शुरू होने से पहले बच्चियों को इसको बताना चाहिए ताकि वो इसके लिए तैयार रहें.
3. हाइजीन के बारे में पता होना
मासिक धर्म के दौरान हाइजीन मेंटेन करना बेहद जरूरी है, वरना रिप्रोडक्टिव सिस्टम में इंफेक्शन, फंगस, यूरिनरी ट्रैक्ट से जुड़ी बीमारी हो सकती है. इसलिए लड़कियों और उनके परेंट्स को ये बताना होगा कि साफ सैनिटरी नैपकिन यूज करें. किसी सरकारी केंद्र या एनजीओ की मदद से कम दाम में सैनिटरी नैपकिन खरीदकर यूज कर सकें.
4. जागरूकता की कमी
रेड क्रॉस सोसाइटी, गाजियाबाद के चेयरमैन डॉ. सुभाष गुप्ता के मुताबिक ग्रामीण समुदायों के लिए मासिक धर्म शिक्षा जरूरी है क्योंकि ये लोगों को जागरूकता की कमी के बारे में ज्ञान प्रदान करती है. रूरल एरियाज में, जहां हेल्थकेयक के संसाधन और पहुंच आमतौर पर सीमित हैं, मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में ज्ञान समानता, निष्पक्षता और सम्मान को बढ़ावा देता है. खुद की देखभाल के लिए प्रोत्साहित करने, टैूबू को तोड़ने और ये सुनिश्चित करने के लिए कि महिलाएं सुरक्षित और कॉन्फिडेंट तरीके से अपने पीरियड को मैनेज कर सकें. मासिक धर्म की शिक्षा मानवाधिकारों, लैंगिक समानता और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर अधिक व्यापक बातचीत के दरवाजे खोलकर सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का एक अच्छा कारण भी बनती है. यह लोगों को सशक्त बनानेऔर ऐसा भविष्य बनाने के बारे में है जिसमें मासिक धर्म अब बाधा न रहे बल्कि सशक्तिकरण और समझ का स्रोत बन जाए.