World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस A,B,C,D और E में क्या है अंतर? इस बीमारी के बारे में जानें सब कुछ
Hepatitis: हेपेटाइटिस वायरस विभिन्न प्रकार के होते हैं- ए, बी, सी, डी और ई. ये सभी लिवर को अलग तरह से प्रभावित कर सकता है. शुरुआती टेस्ट हेपेटाइटिस को अधिक नुकसान पहुंचाने से पहले पकड़ने में मदद करता है.
World Hepatitis Day 2023: हेपेटाइटिस वायरल संक्रमणों का एक ग्रुप है जो हमारे लिवर को प्रभावित करता है. यह रोग विभिन्न कारणों से हो सकता है और इससे प्रभावित होने वाले व्यक्ति की सेहत और जीवन को धीरे-धीरे खत्म कर सकता है. हेपेटाइटिस वायरस विभिन्न प्रकार के होते हैं- ए, बी, सी, डी और ई. ये सभी लिवर को अलग तरह से प्रभावित कर सकता है.
न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के लैब प्रमुख डॉ. विज्ञान मिश्रा ने बताया कि हेपेटाइटिस हमारे लिवर में समस्या पैदा कर सकता है, जो एक आवश्यक अंग है. लिवर हमें भोजन पचाने और टॉक्सिन को फिल्टर करने में मदद करता है. शुरुआती टेस्ट हेपेटाइटिस को अधिक नुकसान पहुंचाने से पहले पकड़ने में मदद करता है. हेपेटाइटिस के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में थकान महसूस होना, त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया), पेट में दर्द, बीमार महसूस होना और बुखार होना शामिल हैं. हालांकि, कुछ लोगों में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दे सकता है.
किन लोगों में है हेपेटाइटिस का अधिक खतरा?
डॉ. विज्ञान मिश्रा के मुताबिक हेपेटाइटिस का अधिक खतरा उनको होता है, जो हेल्थ केयर वर्कर हैं, अधिक सेक्सुअल पार्टनर वाले लोग, शीली दवाओं का सेवन करने वाले (जो इंजेक्शन लगाते हैं) या वो लोग जो हेपेटाइटिस मरीजों के साथ रहते हैं. ऐसे लोगों को नियमित रूप से टेस्ट करवाना चाहिए. आइए जानते हैं कि हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई सभी एक दूसरे से किस तरह अलग हैं?
हेपेटाइटिस ए: यह वायरस ओरल रूप से फैलता है, जिसका मतलब संक्रमित भोजन या पानी के संपर्क में आने से होता है. इसमें त्वचा के पीलेपन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, उल्टियां और पेट दर्द की समस्या होती है. इसका टेस्ट एंटीबॉडी की तलाश करता है जो दिखाता है कि क्या आपको पहले संक्रमण हुआ था या टीका लगाया गया था और आप सुरक्षित हैं.
हेपेटाइटिस बी: यह वायरस इंजेक्शन के माध्यम से, सेक्स के दौरान या गर्भ में पल रहे बच्चे को संक्रमित मां के खून के माध्यम से फैलता है. इसके लक्षण त्वचा और आंखों का पीलापन, पेट दर्द, थकान और यातना हो सकती है. इसका टेस्ट एक विशिष्ट सतह एंटीजन और एंटीबॉडी की तलाश करते हैं. यदि एंटीजन पाया जाता है, तो वे यह देखने के लिए और अधिक टेस्ट कर सकते हैं कि क्या आपको अब भी संक्रमण है.
हेपेटाइटिस सी: यह वायरस भी इंजेक्शन के माध्यम से, सेक्स के दौरान या संक्रमित मां के खून के माध्यम से फैलता है. इसके लक्षण त्वचा और आंखों का पीलापन, पेट दर्द और थकान हो सकती है. इसका टेस्ट वायरस के प्रति एंटीबॉडी की जांच करता है. यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो वे संक्रमण की पुष्टि करने के लिए एक और टेस्ट करते हैं.
हेपेटाइटिस डी: यह वायरस केवल हेपेटाइटिस बी संक्रमित व्यक्तियों में ही फैलता है. इसके लक्षण हेपेटाइटिस बी के लक्षणों से मिलते-जुलते होते हैं.
हेपेटाइटिस ई: यह वायरस ओरल रूप से फैलता है और ज्यादातर देशों में पानी से संक्रमित होता है. इसमें उल्टियां और पेट दर्द हो सकती हैं. हेपेटाइटिस ई के लिए वैक्सीनेशन उपलब्ध है.