हर साल मार्च 14 को वर्ल्ड किडनी डे (World Kidney Day 2024) के तौर पर मनाया जाता है. इसका उद्देश्य किडनी से जुड़ी बीमारियों से बचाव और उपचार के प्रति लोगों को जागरूक करना है. बता दें, हाल ही में आयी स्क्रीनिंग एंड एवेल्यूएशन ऑफ किडनी डिजीज स्टडी की रिपोर्ट के अनुसार, देश की लगभग 17 प्रतिशत आबादी क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित है. यह अध्ययन देश भर से लिए गए 6120 सैंपल को लेकर किया गया है. यह एक डराने वाला आंकड़ा है क्योंकि एक खराब किडनी शरीर में कई गंभीर बीमारियों को पैदा करने का काम करती है. 

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किडनी आपकी बॉडी का सबसे अहम हिस्सों में शामिल है, यदि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है तो आपके सारे ऑर्गन डिसफंक्शनल हो सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बॉडी को नुकसान पहुंचाने वाले टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते हैं. हेल्दी किडनी सिर्फ 30 मिनट में शरीर के ब्लड को फिल्टर कर देता है. शरीर के कचरे को छानकर बाहर करने के अलावा किडनी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल और रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन, बोन्स हेल्थ, ब्लड केमिकल रेगुलेशन से जुड़ा होता है.


क्रोनिक किडनी डिजीज

CDC के अनुसार, क्रोनिक किडनी डिजीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी डेमेज हो जाते हैं और खून को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाते हैं. जिसके कारण अतिरिक्त तरल पदार्थ और कचरा शरीर में रह जाता है और हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, डिप्रेशन, एनीमिया, ब्लड में कैल्शियम की कमी और पोटेशियम-फास्फोरस की अधिकता, इंफेक्शन जैसी जानलेवा बीमारियों का जोखिम पैदा करता है.


ऐसे पहचाने किडनी हो रही है खराब

शुरुआती स्टेज में किडनी की खराबी को पकड़ना मुश्किल होता है क्योंकि इससे कोई खास लक्षण बॉडी में नजर नहीं आते हैं. इसे केवल रेगुलर बॉडी चेकअप से ही पहचाना जा सकता है. हालांकि, किडनी में बढ़ती खराबी के साथ वजन का कम होना, भूख कम लगना, एड़ी-तलवे और हाथ में सूजन आना, सांस लेने में परेशानी, थकान, पेशाब में खून आना, रात में बार-बार पेशाब आना, नींद ना आना, त्वचा में खुजली, मसल्स क्रैंप, सिर दर्द और पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या बॉडी में नजर आने लगती है.


तुरंत उपचार क्यों जरूरी 

क्रोनिक किडनी डिजीज की गंभीरता हर लोगों में अलग-अलग स्तर पर होती है. यह आमतौर पर समय के साथ बदतर हो जाता है, जिसे उपचार से धीमा किया जा सकता है. लेकिन यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो CKD किडनी के फेल होने और हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है. ऐसे में जब किडनी करना बंद कर दे तो जिंदा रहने के लिए मरीज को डायलिसिस और ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है.


किडनी डिजीज के साथ व्यक्ति कितना जिंदा रह सकता है

NHS के अनुसार,  क्रोनिक किडनी डिजीज वाले कई लोग इस स्थिति से अनावश्यक रूप से प्रभावित हुए बिना एक लंबा जीवन जीने में सफल होते हैं. लेकिन किडनी को पहले से हुए डैमेज को ठीक करना संभव नहीं होता है. ऐसे में दूसरे गंभीर रोगों के होने का खतरा हमेशा बना रहता है.


कैसे रखें किडनी को बीमारियों से दूर 

किडनी को बीमारियों से दूर रखने के लिए हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट के साथ रेगुलर एक्सरसाइज बहुत जरूरी है. इसके अलावा ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें. शराब और धूम्रपान का सेवन कम से कम या ना करें. इसके अलावा सबसे जरूरी चीज है पर्याप्त पानी पीना.