How to relieve mental stress: मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे (World Mental Health Day) मनाया जाता है. मेंटल हेल्थ एक ऐसा विषय है, जो हमारे जीवन में बेहद अहमियत रखता है. मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, इंजायटी से लेकर हिस्टिरिया, डिमेंशिया, फोबिया जैसी कई मानसिक बीमारियां है, जो पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही हैं. हमें इनके प्रति जागरुक होना बेहद जरूरी है. 


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इस खबर में हम मेंटल स्ट्रेस के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं. भागदौड़ भरी इस जिंदगी में हर इंसान किसी ना किसी वजह से टेंशन में है. किसी को निजी जिंदगी का तनाव है तो किसी को प्रोफेशनल लाइफ की टेंशन, जिसका असर अब सीधा लोगों की हेल्थ पर पड़ने लगा है. कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनकी मदद से आप मेंटल स्ट्रेस से छुटकारा पा सकते हैं. इन्ही में से एक है म्यूजिक थेरेपी. 


मनोचिकित्सक कहते हैं कि मेंटल स्ट्रेस दूर करने में म्यूजिक थेरेपी आपकी मदद कर सकती है. म्यूजिक थेरेपी कैसे काम करती है? इसे लेकर हमने मनोचिकित्सक डॉक्टर विकास खन्ना से खास बातचीत की है. 


सवाल- म्यूजिक थेरेपी क्या है?
जवाब- यह एक प्रक्रिया है, जिसमें एक डॉक्टर अपने मरीजों के स्वास्थ्य सुधार में संगीत का प्रयोग करता है.  म्यूज़िक थेरेपी विभिन्न वाइब्रेशंस की एक सीरीज है, जो साउंड क्रिएट करती है. जैसे ही शरीर इन वाइब्रेशंस को ग्रहण करता है, शरीर में सकारात्मक बदलाव होते हैं. संगीत चिकित्सा में सिर्फ म्यूजिक सुनना नहीं, इसमें संगीत यंत्र बजाना, गाना लिखना और सुनना ये सभी शामिल है. 


सवाल- तनाव दूर करने में कैसे मदद करती है म्यूजिक थेरेपी?
जवाब- संगीत चिकित्सा, मस्तिष्क में भावनात्मक क्रियाएं पैदा करती है, जिससे आराम और सुकून मिलता है. म्यूजिक सुनने से रिवॉर्ड सर्किट पैदा होते हैं, जिससे हमें एक आनंद की अनुभूति होती है. म्यूजिक थैरेपिस्ट इंसान की बीमारी के हिसाब से उसे म्यूजिक थेरेपी देते हैं, जो एक रिहेब सेशन के रूप में काम करता है. धीरे-धीरे पता चल जाता है कि इंसान को किस तरह का म्यूजिक पसंद है, जो उसके मेंटल स्टेटस पर पॉजिटिव असर डालता है. कई शोध बताते हैं कि रिलैक्सिंग म्यूजिक तनाव कम करने में सबसे ज्यादा कारगर है. म्यूजिक थेरेपी में ज्यादातर लय वाला संगीत इस्तेमाल होता है. 


सवाल-तनाव दूर करना क्यों जरूरी है
जवाब- हमारा मस्तिष्क और शरीर अलग-अलग नहीं है, जो असर मस्तिष्क पर होगा वही शरीर पर होगा. जिनको एंजायटी रहती है, उन्हें पेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं. नींद की कमी और सेक्सुअल प्रॉब्लम्स होती हैं. जो लोग बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं, उनकी इम्युनिटी बेहद कमजोर हो जाती है. इन समस्याओं के बचने के लिए आपको तनाव दूर करना बेहद जरूरी है. 


सवाल-तनाव बढ़ने से सेहत पर क्या असर होता है?
जवाब- मनोचिकित्सक डॉक्टर विकास खन्ना ने इसके जवाब में कहा कि, चिंता चिता समान है. बाकई में तनाव हमारे शरीर को जला रहा है. यह जोड़ों और मासपेशियों में दिक्कतें ला रहा है. यह सामाजिक व्यवहार में नकारात्म परिवर्तन आ जाते हैं. तनाव की वजह से रिश्तों में खटास आ जाती है और ज्यादा वक्त तक तनाव में रहने से काम करने की क्षमता कम हो जाती है. इसलिए तनाव को समय रहते ठीक करना बेहद जरूरी है.


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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.