कुंडली में है राहु-केतु की अशुभ स्थिति तो इन उपायों से ग्रह दोष करें दूर, हर काम में मिलेगी सफलता

Rahu Ketu Dosh in Kundli: कुंडली में हर ग्रह का काफी महत्व होता है और ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि हमारे हर तरह के सुख और दुख का सीधा संबंध हमारी कुंडली के 9 ग्रहों से होता है. कई बार कोई व्यक्ति काफी मेहनत करता है, उसके बाद भी वह सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है. समझा जाता है कि उसकी कुंडली में ग्रह दोष हो सकता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 16, 2024, 09:04 PM IST
  • राहु का ग्रह दोष दूर करने का मंत्र
  • केतु के दोष से दूर करने का उपाय
कुंडली में है राहु-केतु की अशुभ स्थिति तो इन उपायों से ग्रह दोष करें दूर, हर काम में मिलेगी सफलता

नई दिल्लीः Rahu Ketu Dosh in Kundli: कुंडली में हर ग्रह का काफी महत्व होता है और ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि हमारे हर तरह के सुख और दुख का सीधा संबंध हमारी कुंडली के 9 ग्रहों से होता है. कई बार कोई व्यक्ति काफी मेहनत करता है उसके बाद भी वह सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है या कई लोग होते हैं जिनके जीवन या घर-परिवार में दुख-परेशानी, स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हमेशा ही लगी रहती हैं. समझा जाता है कि उनकी कुंडली में ग्रह दोष हो सकता है. 

कुण्डली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास बताते हैं कि अगर कुंडली में राहु और केतु अशुभ स्थिति में हैं तो व्यक्ति को हर कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं वह व्यक्ति भ्रम का शिकार हो सकता है. ऐसे में कुंडली में राहु और केतु ग्रह के दोष को दूर करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, जानिएः

राहु का ग्रह दोष दूर करने का मंत्र

डॉ. अनीष व्यास के मुताबिक, कुंडली में राहु और केतु छाया ग्रह हैं. कुंडली में अगर राहु अशुभ स्थिति में है तो व्यक्ति को आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है और परेशानियां बनी रहती हैं. कुंडली में राहु के दोष को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करने पर शुभ फल प्राप्त होते हैं. 

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
अर्धकायं महावीर्यं चंद्रादित्यविमर्दनम् 
सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्.

केतु के दोष से दूर करने का उपाय

इसी तरह केतु को सर्प का धड़ माना गया है. बगैर सिर के धड़ को कुछ दिखाई नहीं देता है कि क्या किया जाए और क्या नहीं. यही कारण है कि केतु ग्रह के दोष के कारण अक्सर व्यक्ति भ्रम का शिकार होता है. इस कारण उसे तमाम परेशानियां होती हैं. केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे पहले आप अपने बड़े-बुजुर्ग की सेवा करना शुरू कर दें. साथ में केतु के इन मंत्रों का जप करें.
 
ॐ कें केतवे नम:.
पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्.
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

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