100 साल से ज्यादा समय का इंतजार उस वक्त खत्म हो गया है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया की पहली वैक्सीन के व्यापक इस्तेमाल को मंजूरी दे दी. 1880 में Alphonse Laveran ने पहली बार मलेरिया पैरासाइट की खोज की थी और तभी से इसकी वैक्सीन की खोज शुरू हो चुकी थी. डब्ल्यूएचओ ने RTS,S/AS01 (RTS,S) मलेरिया वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश की है, जिसका निर्माण GlaxoSmithKline (GSK) ने किया है. इस मलेरिया वैक्सीन का नाम Mosquirix रखा गया है. आपको बता दें कि दुनियाभर में हर साल मलेरिया संक्रमण के कारण करीब 4 लाख लोगों की जान जाती है और इसके कारण विश्व में हर दो मिनट में एक बच्चे की जान जा रही है.


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