Yoga for snoring: क्या आप भी नींद में लेते तेज खर्राटे? निजात पाने के लिए करें ये योग
योग आपके खर्राटों को रोकने में मदद कर सकता है. समय के साथ नियमित योगाभ्यास से आपके फेफड़े और नाक के रास्ते मजबूत होंगे, जिससे खर्राटे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे.
Yoga for snoring: सोते वक्त जब आप सांस लेते हैं, तो आपकी जीभ, कोमल तालू और वायुमार्ग के अन्य टिशू ढीले हो जाते हैं, जिससे खर्राटे बजने लगते हैं. टिशू के कारण सांस लेने वाले रास्ता सिकुड़ जाता है, जिसके कारण कंपन होता है. योग गुरु नहिमालयन सिद्धा अक्षर बताते हैं कि योग आपको स्वाभाविक रूप से खर्राटों को रोकने में मदद कर सकता है. खर्राटों को हमेशा के लिए रोकने का इलाज योग है. समय के साथ नियमित योगाभ्यास से आपके फेफड़े और नाक के रास्ते मजबूत होंगे. खर्राटों को कम करने के लिए योग की मुद्राओं के परिणामस्वरूप आपके फेफड़े, गले और नाक के रास्तों को अधिक ब्लड फ्लो प्राप्त होगा.
1. कपालभाति प्राणायाम
इसे करने के लिए सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं और दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं. अब गहरी सांस अंदर लें और फिर झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें. ध्यान रहे कि अगर आप कपालभाति शुरु कर रहे हैं, तो 35 कउंट से करें और दिन के हिसाब से इस नंबर को बढ़ाते जाएं.
2. भ्रामरी प्राणायाम
एक शांत और अच्छी हवादार जगह पर बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें,अब दोनों हाथी अपनी तर्जनी उंगली को कानों पर रखें. फिर मुंह बंद रखते हुए नाक से ही सांस लें और छोड़ें. सांस को बाहर निकालते समय आप ऊँ का उच्चारण करें. इस प्रक्रिया को 5-7 बार दोहराएं.
3.भुजंगासन
इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और हथेलियों को कंधों के पास रख लें. अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपना सिर, छाती और पेट ऊपर उठाएं. आपके हाथों की कोहनियों पर मुड़ी होनी चाहिए. अब अपनी गर्दन को धीरे-धीरे झुकाएं और ऊपर की ओर देखें. इस दौरान आपकी आपकी नाभि और पंजे फर्श की ओर हो.
4. धनुरासन
जमीन पर पेट के बल लेट जाएं. फिर पैरों को सटाएं और हाथों को पैरों के पास रखें. अब धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और हाथों से घुटने पकड़ें. फिर सांस को अंदर लेते हुए सीने को उठाएं. जांघों को भी जमीन से ऊपर उठाएं. अब सामने की तरफ देखें और चेहरे पर मुस्कान बनाए रखें.
फूड भी खर्राटों को रोक सकते हैं
शहद एक शक्तिशाली एंटी माइक्रोबियल है और अक्सर नॉर्मल सर्दी जैसे सामान्य संक्रमणों को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है. अन्य एंटी माइक्रोबियल फूड में पुदीना, लहसुन, हल्दी दूध, प्याज, सोया दूध, अनानास और पुदीना शामिल हैं.
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