डिप्रेशन में व्यक्ति खुद को कई सीमाओं में कैद करने लगता है. उसे यह महसूस होने लगता है कि जिंदगी में हालात कभी नहीं बदलने वाले हैं और यहीं से डिप्रेशन की शुरुआत होती है. यह सच है कि डिप्रेशन में व्यक्ति की भावनाएं अनियंत्रित हो जाती हैं, लेकिन यह भी सच है कि उन भावनाओं को वह कंट्रोल कर सकता है. इस नियंत्रण को पाने के लिए उसे डिप्रेशन में कुछ चीजों को कभी नहीं करना चाहिए. वरना डिप्रेशन से बाहर आने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है.


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डिप्रेशन में क्या नहीं करना चाहिए? (What not to do in depression)
डिप्रेशन में खुद के दिमाग को मनाना मुश्किल होता है, लेकिन आप सही और गलत के बीच आसानी से भेद कर सकते हैं. डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए यही जरूरी भी है. आइए जानते हैं कि डिप्रेशन के दौरान आपके लिए क्या करना गलत है?


  1. डिप्रेशन से बाहर आने में उन्हीं लोगों का साथ चाहिए, जो आपके सभी से करीब हैं. दरअसल, अवसाद में हमारे करीबी लोग हमारी मदद करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हम उनसे दूरी बना लेते हैं. जो कि गलत है. आप खुद को थोड़ा पुश करें और करीबी लोगों से मिलना ना छोड़ें.

  2. अक्सर अवसाद या तनाव में आकर एल्कोहॉल का सेवन शुरू कर देना, गलत है. इससे एल्कोहॉल की लत लग जाती है और आप अपने शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं.

  3. जब आप खुद अवसाद में होते हैं, तो निराश माहौल में रहना आपकी समस्या को और बढ़ा सकता है. ऐसे नेगेटिव माहौल में रहने से आपका मूड और खराब होने लगेगा और आपके मन में गलत ख्याल आएंगे. आप इसकी जगह खुशनुमा माहौल में रहें. इससे अवसाद से बाहर आने में मदद मिलेगी.

  4. अवसाद के दौरान नकारात्मक विचार आते रहते हैं. यही विचार मानसिक समस्या को बढ़ाते रहते हैं. आपको नकारात्मक विचार पैदा करने वाले माहौल, व्यक्तियों, चीजों आदि से दूरी बना लेनी चाहिए. आप सकारात्मक व्यक्तियों, माहौल व चीजों के पास रहें. जिससे आपको बेहतर महसूस होता है.

  5. अवसाद से ग्रसित व्यक्ति लोगों से रिश्ता तोड़कर सोशल मीडिया पर चला जाता है. लेकिन सोशल मीडिया पर चल रहे मतभेद, नकारात्मक स्थितियां, बातें, लोगों का मजाक आदि कारण आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं. इससे डिप्रेशन बढ़ सकता है.


यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.


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