नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि केंद्र की ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत दो वर्षों के भीतर देश में गरीब एवं ग्रामीण परिवारों की तीन करोड़ महिलाओं की गर्भाशय और स्तन के कैंसर की जांच की गई


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्मृति ईरानी कहा कि अगर एक महिला के जीवन में सार्थक योगदान देना है तो कम से कम उसके लिए एक शौचालय तो बनाया जाए. एक प्रधानमंत्री का शौचालय निर्माण के प्रति इतना आग्रह रखना कुछ लोगों को अचंभित कर गया. लेकिन साल 2014 से पहले महिला हिंसा के संदर्भ में जब भी आंकड़े आते तो ये घिनौना सच सामने आता कि 40% से ज्यादा महिलाओं के खिलाफ हिंसक वारदातें तब हुईं जब वह खुले में शौच के लिए जातीं. इसलिए न सिर्फ महिला सम्मान बल्कि महिला स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा की दृष्टि से भी ये अहम है. 


केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को कहा कि आज जब हम जेंडर इक्वालिटी सेलिब्रेट कर रहे हैं तब हमें इस बात पर गौर करना चाहिए कि हमारे देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब 5 साल से भी कम समय में महिलाओं के लिए 10 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ.


उन्होंने कहा, देश की किसी महिला ने किसी भी चुनाव में किसी नेता के सामने ये मांग नहीं रखी कि चुनाव जीतने पर हमारे लिए शौचालय बनवा देना. उन्होंने कहा कि राजनीति की मुख्यधारा में महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा भी एक पुरुष प्रधानमंत्री ने शुरू की. ईरानी ने कहा कि मैं आज का ये प्रोग्राम ऐसे पुरुषों को समर्पित करना चाहती हूं जिन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाया.'


राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि आज के समय में जेंडर इक्वालिटी को सपोर्ट करने वाले पुरुषों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ जेंडर इव्वालिटी और जेंडर जस्टिस नहीं होगा, बल्कि महिलाओं को नौकरियां और आगे बढ़ने के लिए समान अवसर देने होंगे.