केरल में बाढ़ के बाद अब रैट फीवर का कहर, 12 लोगों की मौत, हाई अलर्ट जारी
कासरगोड जिले को छोड़कर बारिश और बाढ़ से राज्य के अन्य सभी 13 जिले प्रभावित हुए हैं.
कोझिकोड : भीषण बाढ़ से उबर रहे केरल में सोमवार को रैट फीवर से दो और लोगों की मौत होने से पिछले तीन दिनों में इससे मरने वालों की संख्या 12 हो गई है. इसे देखते हुए राज्य में तीन हफ्ते के लिए हाई अलर्ट लागू कर दिया गया है. कोझिकोड और पथानमतिट्टा जिलों में 71 और लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं. पूरे केरल में लेप्टोस्पाइरोसिस यानी रैट फीवर के अबतक 372 मामले दर्ज किए गए हैं.
यह बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है और बाढ़ के दौरान इसका खतरा बढ़ जाता है. कासरगोड जिले को छोड़कर बारिश और बाढ़ से राज्य के अन्य सभी 13 जिले प्रभावित हुए हैं. राज्य में लगभग 20 लाख लोग बाढ़ के पानी के संपर्क में आए हैं जिसके कारण सरकार को इन लोगों से जरूरी उपचारात्मक कदम उठाने के लिए कहना पड़ा है.
स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने एक समीक्षा बैठक संबोधित करने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि केरल में अगले तीन सप्ताह तक हाई अलर्ट रहेगा. उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे मामले बाढ़ के कारण बढ़ गए हैं. कई दिशा-निर्देश जारी होने के बावजूद लोग अनसुना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में जरूरी दवाओं का भंडारण कर दिया गया है.
कोझिकोड में इसके सबसे ज्यादा मामले पाए जाने के बाद कोझिकोड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इसके लिए औरों से अलग एक पृथक वार्ड खोल दिया गया है.
क्या है रैट फीवर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लेप्टोस्पायरोसिस यानी रैट फीवर एक संक्रामक बीमारी है जो जीप्टस लेप्टोस्पीरा जीवाणुओं के कारण होती है. यह बीमारी उन इलाकों में पाई जाती है, जहां अत्यधिक बारिश या बाढ़ आती है. यह रोग जंगली तथा पालतू दोनों प्रकार के पशुओं से फैल सकता है. यह अक्सर पशु मूत्र या पशु मूत्र वाले पानी या मिट्टी के त्वचा के चिटके/कटे हिस्से, आंखों, मुंह या नाक के संपर्क में आने पर फैलता है. इसमें शुरू में हल्का-फुल्का सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और फिर बुखार होता है. ज्यादा संक्रमण होने पर फेफड़ों से रक्तस्राव या मस्तिष्क ज्वर जैसे गंभीर लक्षण शामिल हो सकते हैं.
(इनपुट आईएएनएस से)