नई दिल्ली : दिल्ली दंगों के दौरान नार्थ ईस्ट दिल्ली में हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया है. लगातार नोटिस देने के बावजूद दोनों आरोपी सुलेमान और रवीश पेश नहीं हो रहे थे. अदालत ने इस मामले में दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया. गौरतलब है कि दिल्ली दंगों के दौरान 24 फरवरी को चांदबांग में पुलिस के हेड रतनलाल की हत्या कर दी गई थी.


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'चार्जशीट में 17 आरोपियों का नाम'
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. पुलिस चार्जशीट में कहा गया है कि गोली के जख्म के अलावा रतनलाल के 21 और जख्म पाए गए थे. वहीं कोर्ट ने ये भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ केस चलाने के पर्याप्त सबूत हैं. चांदबाग के पास सामने आए इस हमले में रतन लाल की हत्या हुई थी. वहीं दंगाइयों ने इसी दौरान शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा समेत गोकलपुरी एसीपी अनुज को भी बुरी तरह घायल कर दिया था.


SIT कर रही है दिल्ली दंगों की जांच 
बता दें कि दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में 23 फरवरी से शुरू हुए दंगे 25 फरवरी तक चले थे. जिसमें करीब 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए थे. जिसके बाद दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कई कंपनियां तैनात करने के बाद हालात सामान्य हुए थे. गौरतलब है कि तब पुलिस ने हत्या, हत्या की कोशिश, दंगा फैलाने और आर्म्स एक्ट के तहत करीब 700 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए थे. 


क्राइम ब्रांच एसआईटी दिल्ली दंगों में ताहिर हुसैन दंगा मामला, IB कर्मचारी हत्या मामला, हेड कांस्टेबल रत्न लाल हत्या मामला, डीसीपी अमित शर्मा हत्या का प्रयास मामला, दिलबर नेगी हत्या मामला, पिस्टल तानने वाला शाहरुख खान मामला जिसमें कॉन्स्टेबल दीपक दहिया पर पिस्टल तानी गई थी, अकबरी देवी (84) हत्या मामला इन सब मामलों की जांच कर रही है.


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