Kishanganj News: बिहार के मुस्लिम बहुल जिले किशनगंज के 37 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां साप्ताहिक छुट्टी रविवार को नहीं, बल्कि शुक्रवार को होती है. आमतौर पर रविवार को ही सरकारी कार्यालय और स्कूलों को साप्ताहिक छुट्टी के लिए बंद रखा जाता है, लेकिन एक राज्य और अलग-अलग जिलों के लिए शुक्रवार बंदी का कानून कब और किसने अनुमति दी, ये शिक्षा विभाग के लिए सवाल बना हुआ है. जानकर बताते हैं कि शुक्रवार बंदी का नियम उन स्कूलों पर लागू किया गया  जिसमें 60 फीसदी मुस्लिम छात्र हैं. ऐसा इसलिए कि शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ पढ़ने में मुस्लिम छात्र और शिक्षकों को आसानी हो. 


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सिस्टम पर खड़े हो रहे सवाल


शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी की परंपरा कई सालों से चल रही है. इस परंपरा से सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बता दें कि जिले के पांच प्रखंडों के कुल 37 स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी रहती है. जिले के पोठिया प्रखंड में सर्वाधिक 16 विद्यालय शुक्रवार को बंद रहते है और रविवार को खुले रहते हैं, जबकि किशनगंज जिले में उर्दू आधारित एक भी सरकारी स्कूल नहीं है.


सबसे खास बात है कि पोठिया प्रखंड एशिया में सबसे कम साक्षरता वाला प्रखंड है. वहीं जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय करबला के प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद वसीम का कहना है कि पूर्व से ही विद्यालय में शुक्रवार को छुट्टी रहती आई है. इस संबंध में सरकारी आदेश है या नहीं उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं है. 


हिन्दू समुदाय के शिक्षक और शिक्षक नेता इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि शुक्रवार को स्कूलों के बंद रहने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वो शिक्षक जो रविवार को स्कूल जाते हैं वे अपने परिवार और बच्चे के बीच समय नहीं दे पा रहे हैं, जिससे वे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं.  पूरे मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष गुप्ता ने कहा कि जिले के 37 विद्यालय शुक्रवार को बंद रहते हैं और यह बहुत लंबे समय से चल रहा है. 



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