नई दिल्ली: छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो (DMRC) के कुछ स्टेशनों को बंद कर दिया गया है. DMRC की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया है कि जामिया मिलिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों के अंदर जाने और बाहर निकालने पर पाबंदी लगा दी गई है. इस स्टेशन पर कोई भी मेट्रो ट्रेन अगले आदेश तक नहीं रूकेगी. इसके अलावा पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन को भी बंद कर दिया गया है. इन तीनों स्टेशनों पर अगले आदेश तक ट्रेनें नहीं टहरेंगी.


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उधर, दिल्ली मध्य के पुलिस उपायुक्त मनदीप सिंह रंधावा ने सोमवार को कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच रविवार को हुए संघर्ष में 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान लगभग 100 निजी वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान 39 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है.


विजय गोयल के लगे 'गो बैक' के नारे
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विजय गोयल सोमवार दोपहर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आंदोलनकारी छात्रों से बात करने पहुंचे. लेकिन विजय गोयल के पहुंचने पर छात्रों ने उनका भारी विरोध किया और 'विजय गोयल गो बैक' के नारे लगाए. राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने इस पूरे आंदोलन को दुर्भाग्यपूर्ण व राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून से किसी को डरने की आवश्यकता नहीं है. यह कानून किसी के भी अधिकारों में कटौती नहीं करता है न ही इस कानून के लागू होने से किसी भी भारतीय की नागरिकता को खतरा है.'


विजय गोयल ने इस पूरे आंदोलन को आम आदमी पार्टी (आप) की साजिश करार दिया है. गोयल के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री नागरिक संशोधन कानून के मुद्दे पर लोगों को आंदोलन करने के लिए कह रहे हैं. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इसे चुनावी मुद्दा बना रहे हैं.


उन्होंने स्थानीय विधायक अमानतुल्लाह को जामिया में हिंसा भड़काने का जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अमानतुल्ला यहां भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. विजय गोयल ने कहा की धरना दे रहे अधिकांश लोगों में छात्र कम, नेता व राजनीतिक कार्यकर्ता अधिक हैं.


जामिया परिसर में प्रदर्शनकारियों के बीच मौजूद छात्र नेता जावेद मीर ने विजय गोयल के आरोपों को बेबुनियाद ठहराया. जावेद ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे लोग छात्र ही हैं, जो इस विषय पर आंदोलन व जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं और इसमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं ढूंढ़ी जानी चाहिए.


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