नई दिल्‍ली: हिमाचल प्रदेश के किन्‍नौर जिले से सटी भारतीय-चीन सीमा पर हुए हिमस्‍खलन में भारतीय सेना के पांच जवानों के फंसे होने की आशंका जाहिर की गई है. वहीं इस हादसे में एक जवान के शहीद होने की पुष्टि की गई है. 


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आईटीबीपी के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, शहीद जवान का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि आपदा में फंसे पांचों जवानों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सेना और आईटीबीपी के जवान लगातार प्रयासरत हैं. 


आईटीबीपी के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि शहादत देने वाले जवान की पहचान 41 वर्षीय राकेश के रूप में हुई है. शहीद राकेश कुमार हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गांव घुमारपुर गांव के निवासी हैं. 


उन्‍होंने बताया कि हिमस्‍खलन में फंसे सभी भारतीय सेना के सभी जवान जम्मू कश्मीर राइफल्स यूनिट से संबंधित हैं. मौके पर राहत बचाव कार्य के लिए भारतीय सेना और आईटीबीपी के 250 से अधिक जवान मौके पर मौजूद हैं. 



बर्फबारी के चलते रुका राहत बचाव कार्य 
आईटीबीपी के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, बुधवार देर रात्रि हुई भारी बर्फबारी के चलते राहत बचाव कार्य को रोक दिया गया था. रात में हुई बर्फबारी के चलते करीब 4 इंच नई बर्फ जमा हो गई है. वहीं, मौके का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है. गुरुवार सुबह शुरू हुई तेज बारिश के चलते भी राहत बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है. बारिश और बर्फबारी रुकते ही राहत बचाव कार्य फिर से शुरू कर दिया जाएगा. 


पहली बार हिमस्‍खलन की चपेट में आया यह इलाका
आईटीबीपी के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, हिमस्‍खलन की यह घटना हिमाचल प्रदेश के किनौर जिले में भारत-तिब्बत सीमा पर शिपकाला के पास हुआ है. उन्‍होंने बताया कि बर्फीला तूफान बुधवार दोपहर करीब 11 बजे आया. जिसमें भारतीय सेना सहित आईटीबीपी के जवान फंस गए. किसी तरह आईटीबीपी के जवानों को इस आपदा से बचा लिया गया, लेकिन भारतीय सेना के छह जवान इस बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए. बताया जा रहा है कि डोगरी नाला क्षेत्र में पहले कभी भी हिमस्खलन की घटना नहीं हुई थी.