Rajasthan Assembly Elections 2023:  राजस्थान में इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस के सामने जहां अपनी सरकार बनाने की चुनौती है तो बीजेपी किसी भी कीमत पर राजस्थान को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. अगर राजस्थान के चुनावी नतीजों को देखें तो हर पांच साल में सरकार का चेहरा बदलता रहा है, क्या वो परिपाटी कायम रहेगी या वह परंपरा टूट जाएगी. इन सबके बीच 2 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी का मेवाड़(pm narendra mewar visit) दौरा अहम माना जा रहा है.


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एक बार फिर राजस्थान के दौरे पर होंगे पीएम


अगर पीएम नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे की बात करें तो करीब सात दिन में यह दूसरा दौरा होगा. पीएम मोदी के दौरे से बीजेपी के लिए यह राज्य क्यों अहम है खुद ब खुद समझा जा सकता है. आम चुनाव 2024 से पहले हिंदी हॉर्टलैंड के तीनों राज्य छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान(assembly elections 2023) कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे माहौल बनाने में मदद होगी. इस समय छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की और मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार यानी कि जीत का समीकरण 2-1 का है. क्या 2023 के चुनाव में इन नतीजों में बदलाव होगा यह देखना अहम होगा.


पीएम मोदी 2 अक्टूबर को चित्तौड़गढ़ जिले का दौरा कर सांवलिया सेठ के दर्शन भी करने वाले हैं, सांवलिया सेठ(sanwalia seth temple), दक्षिण राजस्थान में आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. हाल ही में बीजेपी ने राजस्थान के चार अलग अलग हिस्सों से परिवर्तन संकल्प यात्राएं निकाली थीं और खास बात यह थी कि उन सभी यात्राओं को धार्मिक स्थलों से रवाना किया गया था. 


सात जिलों में 35 सीट
यहां समझने की कोशिश करते हैं कि मेवाड़ का इलाका बीजेपी के लिए क्यों अहम है, मेवाड़ के इलाके में राजसमंद, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ जिले आते हैं. इन सात जिलों में विधानसभा की कुल 35 सीटें हैं, अगर कुल सीटों की बात करें तो यह संख्या करीब 18 फीसद है. इन 35 सीटों में से 2018 के चुनाव में बीजेपी ने 19 सीटें हासिल की थीं.  सीटों की इस संख्या से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बीजेपी को इस क्षेत्र की जनता ने भरपूर समर्थन दिया था. ऐसे में बीजेपी के रणनीतिकारों को लगता है कि दक्षिणी राजस्थान पर अगर जमीनी स्तर पर काम किया गया तो निश्चित तौर पर सीटों की संख्या में इजाफा होगा और उससे जयपुर का रास्ता आसान होगा.