Republic Day : राजपथ पर दिखे भारत की संस्कृति के रंग, शौर्य और साहस का भी प्रदर्शन
22 झाकियां राजपथ से होकर गुजरेंगी, उनमें से 16 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की होंगी, जबकि शेष छह विभिन्न मंत्रालयों से हैं.
नई दिल्ली: आज 71वां गणतंत्र दिवस (Republic day) के अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राजपथ पर परेड की राष्ट्रीय सलामी ली. लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, हेडक्वार्टर दिल्ली एरिया द्वारा इस साल गणतंत्र दिवस की परेड का नेतृत्व किया गया. इस दिन सुबह सुनहरी धूप खिली रही और इस दौरान राजपथ पर कड़ी सुरक्षा के बीच देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कैबिनेट मंत्री व दूतावास के अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे.
राष्ट्रगान बजाए जाने के साथ सभी खड़े हो गए और तिरंगे को फहराया गया. इससे पहले कोविंद और पीएम मोदी दोनों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के नेशनल वॉर मेमोरियल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दीं. उनके साथ वर्तमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल नरवाने, वर्तमान नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया भी थे.
केसरिया साफा (पगड़ी) पहनकर प्रधानमंत्री ने इस दिन भारत की अखंडता की रक्षा करते हुए शहीद हुए सैनिकों के इस अनमोल योगदान को याद करते हुए उन्हें सलामी दीं. राष्ट्रीय गान और 21 बंदूकों की सलामी के साथ राष्ट्रपति ने तिरंगे को फहराया.
इस साल के मुख्य अतिथि के रूप में बोल्सानोरो प्रधानमंत्री के साथ बैठकर भारत की समृद्ध विविधता के शानदार प्रदर्शन को देखते नजर आए. देश की सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक प्रगति को दर्शाने वाली 22 झांकियों में से 16 झाकियां राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की शामिल रहीं और अन्य 6 विभिन्न मंत्रालयों व विभागों की.
राजपथ पर कुछ ऐसा रहा भारत का 71वां गणतंत्र दिवस समारोह
सबसे पहले पीएम मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने नेशनल वॉर मेमोरियल पर 26 जनवरी के दिन पुष्प चक्र अर्पित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को नमन किया. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत समेत तीनों सेना प्रमुख मौजूद रहे.
राष्ट्रपति भवन में दी गई सलामी
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि जेयर मेसियस बोलसोनारो को सलामी दी गई.
राष्ट्रपति से पहले उनकी पत्नी पहुंची
गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति की पत्नी उनसे पहले राजपथ पर पहुंचती हैं. क्योंकि राष्ट्रपति समारोह के मुख्य अतिथि के साथ राजपथ पर पहुंचते हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी की अगुवानी पीएम मोदी ने की. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की अगुवानी की. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजपथ पर अगुवानी की.
पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोलसोनारो ने 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगे को सलामी दी.
गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 विमानों ने त्रिशूल फॉरमेशन में दिखाए करतब. इस फॉरेमेशन की कमान कैप्टन निशित ओहरी ने संभाली.
तमिलनाडु, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की झांकी में दिखी अलग अलग संकृति की झलक
ओडिशा की झांकी में भगवान लिंगराज की रुकुना रथ यात्रा की झांकी प्रस्तुत किया.
राज्यों की झांकियां शुरू सबसे पहले तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की झांकियां प्रस्तुत की गई.
कैप्टन तान्या शेरगिल ने सेना की सिग्नल्स कोर्प्स के मार्चिंग कंटेंजेंट्स को लीड किया.
भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर रुद्र और ध्रुव ने भी दिखाया दम.
भारतीय सेना का के-9 वज्र-टी टैंक कैप्टन अभिनव साहू की अगुवानी में परेड में शामिल हुआ.
युद्ध में इस्तेमाल होने वाला भारतीय सेना का टी-92 भीष्मा टैंक भी परेड में शामिल हुआ. 86 आर्म्ड रेजीमेंट कैप्टन सन्नी चाहर ने इसकी अगुवाई की.
परेड की शुरुआत में परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेता जवानों ने राष्ट्रपति को सलामी दी.
गणतंत्र दिवस समारोह के समापन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति के पीएम मोदी से विदा ली.
राष्ट्रपति और मुख्य अतिथि को विदा करने के बाद पीएम मोदी जनता के बीच गए और गणतंत्र दिवस पर उनका अभिवादन स्वीकार किया.
एक दिन पहले, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के संदेश का आह्वान किया और लोगों, विशेषकर युवाओं से आग्रह किया कि वे अहिंसा का पालन करें और सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए संवैधानिक तरीकों को ही अमल में लाए. राष्ट्रपति ने 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को दिए एक संबोधन में कहा, "गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेश को आत्मसात करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए, जो हमारे समय में सभी के लिए आवश्यक हो गया है."