Partition Horrors Remembrance Day: जानें क्या है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस? PM मोदी से क्यों है खास कनेक्शन
Partition Horrors Remembrance Day: भारत आज यानी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘आज, विभाजन भयावह स्मृति दिवस पर मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं.
Independence Day 2024: भारत आज यानी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘आज, विभाजन भयावह स्मृति दिवस पर मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई, और हमारे इतिहास के उस दुखद दौर में पीड़ित सभी लोगों के धैर्य और दृढ़ता की सराहना करता हूं.’
भारतीय जनता पार्टी ने एक खास वीडियो जारी कर देश के विभाजन के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है. भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से वीडियो जारी करते हुए लिखा गया, ’14 अगस्त का दिन विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने की न केवल याद दिलाएगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव की भावना भी मजबूत होगी. आइए, उन वीर सपूतों को नमन करें, जिन्होंने विभाजन की विभीषिका झेली है.’
क्या है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस?
दरअसल, 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो उस वक्त लोगों को काफी ज्यादा दुख उठाना पड़ा. बंटवारे के बाद बड़े पैमाने पर दंगे हुए, जिसकी वजह से लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा. इसमें सैकड़ों लोगों की जानें भी गईं. प्रधानमंत्री मोदी ने विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को याद करने के लिए 2021 में ऐलान किया कि हर साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाया जाएगा. पीएम मोदी ने इस दिन का ऐलान करते हुए कहा था कि 14 अगस्त उन तमाम लोगों के संघर्षों और बलिदान की याद में मनाया जाएगा, जिन्होंने बंटवारे का दंश झेला. उन्होंने कहा था कि बंटवारे के दर्द को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है.
अमित शाह ने भी लोगों को दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर बंटवारे का दंश झेलने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा, "आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर उन लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने इतिहास के सबसे क्रूर प्रकरण के दौरान अमानवीय पीड़ाओं का सामना किया, जीवन खो दिया और बेघर हो गए. अपने इतिहास को स्मृति में बसाकर, उससे सीख लेकर ही एक राष्ट्र अपने मजबूत भविष्य का निर्माण कर सकता है और एक शक्तिशाली देश के रूप में उभर सकता है."
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