सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पलौदी गांव में मंगलवार दोपहर करीब 12.15 बजे हुए नक्सली हमले में 9 जवान शहीद हो गए, जबकि 2 जवान बुरी तरह से घायल हो गए. नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर CRPF जवानों को निशाना बनाया. यह ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि कई टन वजनी MPV व्हीकल के परखच्चे उड़ गए. यह हमला अचानक नहीं हुआ था. एक CRPF अधिकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह 7.30 बजे किस्टाराम से पलौदी कैंप के लिए CRPF की 212वीं बटालियन से पांच टीमें निकली थीं. एक टीम बाइक पर सवार थी. किस्टाराम से कुछ दूर आगे निकलने पर जवानों ने नक्सलियों को दूर से देख लिया. जवानों को धोखा देने के लिए नक्सली सेना की ड्रेस में थे. फिर भी CRPF के जवानों ने उन्हें पहचान लिया.


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कम से कम 100 नक्सली मारे जाते..
CRPF जवानों ने तत्काल UBGL से एक बाद एक तीन गोले दागे, लेकिन ये फूटे ही नहीं. अगर ये गोले फूट गए होते तो कम से कम 100 नक्सली जरूर मारे जाते, लेकिन ऐन वक्त पर UBGL के गोलों ने जवान को धोखा दे दिया. हालांकि इस घटना के बाद सभी जवान किस्टाराम कैंप वापस आ गई. इसके बाद जवान दोबारा पलौदी के लिए निकले. किस्टाराम और पलौदी दोनों जगह CRPF की 212 बटालियन का कैंप है.


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100 से ज्यादा नक्सली गांव में मौजूद थे
स्थानीय मीडिया के मुताबिक पलौदी गांव में 100 से ज्यादा नक्सली मौजूद थे. नक्सलियों के पास जवानों को लेकर पूरी जानकारी थी. अगर ये जवान लैंड माइन में किसी तरह बच जाते तो इनपर फायरिंग की जाती. नक्सलियों को इस हमले में किसी तरह का नुकसान पहुंचा है या नहीं? इस सवाल के जवाब में CRPF अधिकारियों का कहना है कि सुबह के हमले के बाद नक्सलियों द्वारा वायरलेस पर बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया था. बातचीत में नक्सलियों द्वारा नुकसान की रिपोर्टिंग की जाती है.


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2 मार्च को मारे गए थे 10 नक्सली
इस हमले को 2 मार्च को मारे गए 10 नक्सलियों का बदला माना जाता है. होली के दिन 2 मार्च को तेलंगाना-छत्तीसगढ़ की सीमा पर राज्य पुलिस ने नक्सलियों की शादी के दौरान हमला कर 10 नक्सलियों को मार गिराया था. मारे जाने नक्सलियों में 6 महिला नक्सली शामिल हैं. बदले की भावना से 7 मार्च को नक्सलियों ने कांकेर में रावघाट थाना के किलेनार इलाके में घात लगाए BSF जवानों पर हमला कर दिया था. इस हमले में BSF के असिस्टेंट कमांडेंट और एक जवान शहीद हो गए थे.