Joe Biden G 20 Summit 2023:  9 और 10 सितंबर को दिल्ली में दो दिन जी 20 से जुड़े हुए राष्ट्राध्यक्ष समिट का हिस्सा बनने वाले हैं, समिट में हिस्सा लेने के लिए मेहमानों के भारत आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. यात्रा से पहले ट्वीट के जरिए बताया कि वो भारत यात्रा से कितने उत्साहित हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि वो एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सीधे सात लोककल्याण मार्ग जाएंगे जहां पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी.


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इसलिए अहम है बाइडेन का भारत दौरा


जो बाइडेन के दौरे को इसलिए भी अहम बताया जा रहा है कि यह उनका पहला दौरा है. जी 20 समिट से पहले दोनों देशों के बीच में आर्थिक सहयोग, रक्षा सहयोग पर खास चर्चा हो सकती है. दोनों देशों के बीच किलर ड्रोन के मुद्दे पर भी व्यापक चर्चा की उम्मीद है. व्हाइट हाउस प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन का दौरा भारत अमेरिकी संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाएगा. भारत और अमेरिका के रिश्तों में गरमी के दौर को और आगे तक ले जाने की जरूरत है.


दिल्ली में जो बाइडेन का कार्यक्रम 


-जो बाइडेन आज शाम 7 बजे भारत पहुंचेंगे


- केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह करेंगे जो बाइडेन को रिसीव


-जो बाइडेन और नरेन्द्र मोदी के बीच आज रात 8 बजे के आसपास द्विपक्षीय वार्ता होगी


-सूत्रों के मुताबिक़ जो बाइडेन एयरपोर्ट से सीधे 7 LKM जाएँगे


-7 LKM भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आधिकारिक आवास है


-सूत्रों के मुताबिक़ पीएम मोदी आज बाइडेन के लिए डिनर भी होस्ट कर सकते हैं


- द्विपक्षीय मुलाक़ात के बाद जो बाइडेन होटल ITC मौर्य जाएँगे


- ITC मौर्य होटल में रूकेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन


-9 सितंबर को बाइडेन जी 20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे


-9 सितंबर की रात भारत की राष्ट्रपति द्वारा आयोजित डिनर में शामिल होंगे


- 10 सितंबर की सुबह राजघाट जाएंगे और गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे


-10 सितंबर को जी 20 शिखर सम्मेलन के तीसरे और समापन सत्र में शामिल होंगे


-10 सितंबर को भारत से रवाना होंगे बाइडेन.


भारत रवाना होने से पहले जो बाइडेन ने खास ट्वीट में कहा कि जी 20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग मंच है. भारत पहुंचने को लेकर वो उत्साहित हैं. वैश्विक मंचों का किस तरह से दुनिया के मुल्क बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं वो ज्यादा जरूरी है. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने आर्टिकल में इस बात पर बल दिया था कि अंतराष्ट्रीय फोरम को बहुपक्षवाद में बदलने की जरूरत है.