नई दिल्ली : पत्रकार से राजनेता बने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने अपने ट्वीट से एक विवादित ट्वीट करके खुद ही मुसीबत मोल ले ली. उनके ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया में आशुतोष की खूब खिंचाई हो रही है, साथ ही उन पर तथा उनकी पार्टी पर सवाल उठाए जा रहे हैं. आशुतोष ने अपने ट्वीट में मीडिया में दलितों की संख्या पर सवाल पूछा, तो लोगों ने उल्टे सवालों की बौछार कर दी कि उनकी पार्टी में कितने दलित हैं और राज्यसभा में उन्होंने किसी दलित को टिकट क्यों नहीं किया.


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दरअसल, सोमवार को दलित संगठनों द्वारा बुलाए भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के बाद दलितों की स्थिति पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने मीडिया में दलितों की संख्या को लेकर एक ट्वीट किया. आशुतोष ने अपने ट्वीट में सवाल किया, 'कितने चैनलों के संपादक दलित हैं, आज ये सवाल तो पूछना होगा. अगर दलित संपादक होते तो क्या तब भी चैनलों के एकरों की भाषा वही होती जो आज देखने को मिली? बस एक सवाल मन में आया है.'



इस ट्वीट के बाद आशुतोष ट्विटर पर ट्रोल होने लगे. लोग उनसे दलित प्रेम को लेकर सवाल करने लगे. एक आदमी ने सवाल किया कि आशुतोष, यह बताएं कि आम आदमी पार्टी में कितने दलित शीर्ष पदों पर हैं. किसी ने सवाल किया कि राज्यसभा में आप ने किसी दलित को क्यों नहीं भेजा.



एक यूजर ने तो यह तक कह डाला कि केजरीवाल की जगह किसी दलित को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाते.



एक यूजर ने सवाल किया कि जब आशुतोष खुद किसी संस्थान में संपादक थे, तब उन्होंने कितने दलितों को अपने संस्थान में जगह दी. इस तरह उनके ट्वीट पर एक नहीं हजारों लोगों ने उन पर तरह-तरह के सवालों से हमला किया. बहुत कम ही लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया.