Adhir Ranjan Chowdhury: विवादित बयान के बाद मुश्किलों में घिरते जा रहे अधीर रंजन चौधरी, MP में दर्ज हुई FIR
FIR Against Adhir Ranjan Chowdhury: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के विवादित बयान के चलते अब उनके खिलाफ मध्य प्रदेश के डिंडोरी में FIR दर्ज की गई है.
FIR Against Adhir Ranjan Chowdhury: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की मुश्किलें अब थमने का नाम नहीं ले रही हैं. उनके विवादित बयान के चलते अब उनके खिलाफ मध्य प्रदेश के डिंडोरी में FIR दर्ज की गई है. इसके अलावा BJP ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) की उस दलील को गुरुवार को खारिज कर दिया कि उन्होंने गलती से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द का इस्तेमाल किया था. भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता ने जानबूझकर यह टिप्पणी की थी और इसके लिए पार्टी और अध्यक्ष सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए.
'चौधरी की सफाई भी आपत्तिजनक'
केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू (Kiren Rijiju) ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि चौधरी का स्पष्टीकरण ‘और भी आपत्तिजनक’ है क्योंकि उन्होंने अपनी गलती को छोटी बताया है. उन्होंने कहा, ‘अधीर रंजन चौधरी इसे छोटी बात बता रहे थे. इस तरह की हल्की टिप्पणी करके राष्ट्रपति की गरिमा को उन्होंने जो चोट पहुंचाई है, उसके लिए न सिर्फ अधीर रंजन चौधरी बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी और उनकी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.’
भाजपा ने अब आदिवासी नेताओं को मैदान में उतारा
चौधरी की टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमले के लिए तीन केंद्रीय मंत्री सहित अपने छह आदिवासी नेताओं को मैदान में उतारा. इससे पहले, संसद भवन परिसर में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित भाजपा की महिला नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन किया. इन नेताओं ने लोकसभा में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के बीच हुई नोकझोंक को लेकर भी कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाने साधे.
सोनिया गांधी को मांगनी चाहिए देश से माफी
रीजीजू के अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भारती पवार ने कहा कि चौधरी ने ना सिर्फ एक महिला बल्कि आदिवासी समुदाय का भी अपमान किया है, इसलिए अपनी पार्टी की तरफ से सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए.
'बाजार से नहीं खरीदा जाता राष्ट्रपति पद'
रीजीजू से जब यह पूछा गया कि चौधरी ने कहा कि वह राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात कर माफी मांगेंगे तो अरुणाचल प्रदेश के आदिवासी समुदाय से आने वाले केंद्रीय मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, ‘आप पहले उनका अपमान करो और स्पष्टीकरण देने के लिए उनसे मिलने जाओ. राष्ट्रपति का पद ऐसा नहीं कि आप इसे बाजार से खरीद लें. यह देश का सर्वोच्च पद है. वह देश की प्रथम नागरिक हैं. वह हल्की टिप्पणी कर रहे हैं जो और भी आपत्तिजनक है.’
संविधान में पहले से ही स्पष्ट हैं पदों का महत्व
केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि हिंदी में राष्ट्रपति को क्या कहकर संबोधित किया जाएगा, इस बारे में संविधान सभा में जो तय हो चुका है, उस पर बहस नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘चौधरी ने भारत के सबसे ऊंचे और सबसे पवित्र राष्ट्रपति पद को लेकर जो टिप्पणी की है, उससे बतौर आदिवासी हम बहुत आहत हैं.’ उन्होंने कहा कि संविधान में सार्वजनिक पदों को लैंगिक भेदभाव से परे रखा गया है और सभापति या कुलपति पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति हो, उसे सभापति और कुलपति ही कहकर संबोधित किया जाता है.
सोनोवाल ने आरोप लगाया कि चौधरी ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान किया और आदिवासियों का अनादर किया है और वास्तव में उन्होंने पूरे देश का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश को एकसाथ लेकर चल रहे हैं तो कांग्रेस देश की एकता के खिलाफ काम कर रही है. भारती पवार ने भी कांग्रेस नेता चौधरी पर हमले किए और कांग्रेस से सवाल किया कि क्या देश में आदिवासियों को कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, ‘इस तरह से अपमान करने वालों से हम कहना चाहते हैं कि राष्ट्रपति पद की गरिमा का ध्यान रखो. इस कृत्य के लिए सोनिया गांधी को ही माफी मांगनी चाहिए.’
चौधरी ने दी थी यह सफाई
इससे पहले, चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में की गई अपनी एक टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनसे गलती हो गई क्योंकि वह हिंदी भाषा बहुत अच्छी तरह नहीं जानते. चौधरी ने यह भी कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है और उनसे मिलकर माफी मांगेगे. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘पाखंडियों’ से माफी मांगने वाले नहीं हैं.
इस बीच, भाजपा की दिल्ली इकाई ने इस मामले में प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की मानसकिता इतने निम्न स्तर पर पहुंच गई है कि इसके नेता गरीब की बेटी को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर नहीं देखना चाहते हैं.
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