CJI के इस आदेश के बाद शाहीन बाग रोड जाम मामले की SC से जल्द सुनवाई की होगी मांग
चीफ जस्टिस ने आज सभी मेंशनिंग करने वाले वकीलों को कहा कि वो मेंशनिंग ऑफिसर के सामने केसों को मेंशन करे. वकील अमित साहनी ने दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग (Kalindi Kunj-Shaheen Bagh Road) पर धरना दिए बैठे और इसे खाली न किए जाने पर अडिग प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने के मामले में याचिकाकर्ता वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी (Advocate Amit Sahni) अब सुप्रीम कोर्ट के मेंशनिंग ऑफिसर के पास केस की जल्द सुनवाई की मांग करेंगे. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इन लोगों को रोड से हटाया नहीं जा सका है और साहनी इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं.
चीफ जस्टिस ने आज सभी मेंशनिंग करने वाले वकीलों को कहा कि वो मेंशनिंग ऑफिसर के सामने केसों को मेंशन करे. वकील अमित साहनी ने दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए दिल्ली पुलिस को कहा था कि वो कानून के हिसाब से और लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए काम करे.
उल्लेखनीय है कि बीते 14 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने नागरकिता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात सुगम बनाए और इस समस्या से समयबद्ध तरीके से कानून के अनुसार निपटे. मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की अगुवाई वाली दिल्ली हाईकोर्ट की एक पीठ ने ये निर्देश पारित किए और याचिका का निस्तारण कर दिया.
अधिवक्ता अमित साहनी द्वारा दायर याचिका में कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग यानी रोड नंबर 13ए (मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच) के साथ-साथ ओखला अंडरपास को खोलने के लिए अदालत के निर्देशों की मांग की गई थी, जिसे 15 दिसंबर, 2019 को नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था. इस आदेश के बाद भी दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटा नहीं पाई है, जिसके खिलाफ अमित ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
सड़क न खुलने की वजह से लाखों यात्रियों को हर रोज भारी असुविधा/कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जो पिछले एक महीने से अलग-अलग मार्गो से जाने के लिए मजबूर हैं.