नई दिल्ली: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है और आईएसआई का भारत विरोधी प्लान बेनकाब हो गया है. आईएसआई अफगानिस्तान की जेल से रिहा किए गए इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) के आतंकियों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ बड़े हमलों के लिए कर सकती है. खुफिया सूत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि ISI इन आतंकियों को अफगानिस्तान से पीओके (PoK) शिफ्ट कराने की खतरनाक योजना बना रही है ताकि ये आतंकी भारत में हमले कर सकें.


भारत के खिलाफ ISI का ऑपरेशन 'खुरासान'


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सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात की आशंका जताई है कि रिहा हुए इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) के आतंकियों को पाकिस्तान की आईएसआई तालिबान से मिले हथियारों के जखीरे को मुहैया करा सकती है. इससे पहले ISKP के आतंकियो का नाम काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले में आया था, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में आम लोग मारे गए थे. जानकारों के मुताबिक ISI इन आतंकियों को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) भेज सकती है, जिनके जरिए जम्मू-कश्मीर या देश के दूसरे हिस्सों में आतंकी हमले कराने की साजिश रची जा सकती है.


युवाओं को ISKP में शामिल करने की साजिश


नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की रिपोर्ट से ये भी पता चला है कि ISKP का कमांडर मुंसिब, जिसके अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर मौजूद होने की जानकारी मिली है. उसके जरिए ISI भारतीय युवकों का रेडिकलाइज कर उन्हें ISKP में शामिल होने की साजिश रच रही है. मुंशीब सोशल मीडिया पर पिछले कुछ महीनों से काफी सक्रिय है.


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आतंकियों के हाथ लगे अमेरिकी हथियार


एजेंसियों से मिली जानकारी में यह बात सामने आ चुकी है कि तालिबान की मदद करने के लिए पाकिस्तान से जैश और लश्कर के 8000 से भी ज्यादा आतंकी अफगानिस्तान गए थे, जो तालिबान के साथ मिलकर अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले में शामिल थे. अफगानिस्तान में तालिबान की लड़ाई खत्म होने के बाद अब ये आतंकी हथियारों के साथ वापस पाकिस्तान आते देखे गए हैं, जो आतंकी वापस पाकिस्तान आ रहे है उनके पास अफगानी सुरक्षा बलों से छीने गए अमेरिकन हथियार भी है.


पीओके में पश्तून भाषा बोलने वाले आतंकी


ISI एक बड़े प्लान के तहत इन सभी आतंकियों को पीओके (PoK) में शिफ्ट करा सकती है. पिछले दिनों यह देखा गया था कि ऐसे ही कुछ आतंकियों ने पीओके में एक रैली निकाली थी. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि पीओके में स्थित कुछ आतंकी कैंपों में पश्तून भाषा बोलने वाले आतंकियों की भी मौजूदगी देखी जा रही है, जिससे यह जिससे इस बात की आशंका बढ़ गई है कि कहीं इन आतंकियों को लॉन्च पैड पर लाकर और सही मौका देखते हुए जम्मू कश्मीर में दाखिल ना करा दिया जाए.


अमेरिकी हथियारों से निपटने के लिए CRPF तैयार


सीआरपीएफ (CRPF) के डीजी कुलदीप सिंह ने पिछले दिनों मीडिया से बातचीत करते हुए यह साफ कहा था कि अगर पीओके (PoK) में मौजूद आतंकियों के पास अमेरिकी हथियार आते हैं तो हमें इससे निपटने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी और सीआरपीएफ ऐसे खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार भी है.


जेल से रिहा कर दिए गए थे सैकड़ों आतंकी


तालिबान ने करीब पच्चीस दिन पहले जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तो शेबरघान और काबुल से दो दिन के अंदर ही सैकड़ों आतंकियों को जेल से रिहा कर दिया था और जेल से छूटे इनमें से कई कैदी ना सिर्फ अफगानिस्तान में कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार थे, बल्कि इनमें से कई आतंकवादी इस्लामिक स्टेट खुरासान से भी सीधे तौर पर जुड़े थे. अब भारतीय खुफिया एजेंसियो को सावधान करने वाली जानकारी ये मिली है कि पाकिस्तान की आईएसआई इस्लामिक स्टेट खुरासान के इन्हीं खूंखार आतंकियों की मदद से भारत में बड़े हमले कराने की साजिश रच रही है.


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जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करा सकती है ISI


Zee News को सूत्रों से पता चला है कि अफगानिस्तान की जेलों से रिहा खुरासान के इन आतंकवादियों को आईएसआई अफगान फोर्सेस से लूटे गए हथियारों के जखीरे को तालिबान की मदद से मुहैया करा सकती है. जानकारी ये भी मिली है कि इन आतंकियों को हथियारों से लैस करने के बाद ISI इन्हें LoC के बेहद नजदीक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बनाए गए टेरर कैंपों में भेज सकती और फिर वहां पर बने लॉन्च पैड से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करा सकती है.


पाकिस्तान-तालिबान और खुरासान को चुनौती


ऐसा नहीं है कि अभी हमारे पास जो हथियार हैं उससे नहीं लड़ा जा सकता. अमेरिकन हथियार आने पर हमारे हथियार बेकार नहीं हो जाएंगे. कश्मीर में आतंक का प्लान वाया अफगानिस्तान पर सतर्क सिर्फ सीआरपीएफ ही नहीं है, बल्कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत तक पाकिस्तान-तालिबान और खुरासान की इस तिकड़ी को कुछ दिन पहले सख्त लहजे में चेतावनी दे चुके हैं, जिसके बाद अब ये बात पाकिस्तान को समझनी है कि उसे शांति से रहना है या साजिश रचकर अपनी बर्बादी बुलाना है.


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