नई दिल्ली: अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. तालिबान पूरे देश को कब्जाने की नियत से आगे बढ़ रहा है. बीते ही दिन तालिबान द्वारा तीन और शहरों को कब्जा करने की खबर आई थी. तालिबान का आतंक अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल की ओर तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन अब तालिबान के आतंक का खौफ दिल्ली के जंगपुरा एक्सटेंशन और इसके आस पास के इलाकों तक पहुंच गया है.


अफगानी शरणार्थी भी हैं चिंतित


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, जंगपुरा एक्सटेंशन में अफगानिस्तान से भारत आए शरणार्थी रह रहे हैं, जो इस दिनों बहुत परेशान हैं. उनकी परेशानी का कारण अफगानिस्तान में तालिबानी आतंक का बढ़ता प्रभाव है. यहां रह रहे लोगों के परिवार और रिश्तेदार अभी भी अफगानिस्तान में ही हैं, जहां उनकी सुरक्षा को खतरा है.


'शादी का प्लान भी कैंसल कर दिया'


दिल्ली के जंगपुरा एक्सटेंशन में रह रहे 30 वर्षीय हारून मूलरूप से अफगानिस्तान के जलालाबाद (Jalalabad) के रहने वाले हैं, और इस अफगानिस्तान के बिगड़ते माहौल से बहुत परेशान हैं. हारून कहते हैं कि 'अगर अपना घर जलते हुए देखेंगे तो कैसा लगेगा. अभी 9 महीने पहले ही सगाई हुई है और जल्द ही शादी करने का भी प्लान था. लेकिन अभी तालिबान द्वारा किए जा रहे अटैक के कारण शादी का प्लान भी कैंसल कर दिया है. अपने रिश्तेदारों की सेफ्टी के लिए बहुत चिंतित रहता हूं और हमेशा इस बात के लिए डरा रहता हूं क्योंकि अगर तालिबान पूरे मुल्क पर कब्जा कर लेती है तो देश में वेलफेयर, एजुकेशन और साथ ही हर तरह की शांति पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.'


ये भी पढ़ें: Jammu and Kashmir से गिरफ्तार जैश आतंकियों के निशाने पर थी Ram जन्मभूमि, हुआ ये खौफनाक खुलासा


'परिवार की सुरक्षा के लिए परेशान हूं'


वहीं हारून के ही जैसे एक और 36 वर्षीय अब्दुल पिछले 7 सालों से दिल्ली में रह रहे हैं. अब्दुल अफगानिस्तान के हेरात (Herat) प्रांत के रहने वाले है. बता दें हेरात उन प्रांतो में से है जिन्हें पूरी तरह से तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया है. अब्दुल का पूरा परिवार अभी हेरात में ही रह रहा है. अब्दुल जब भी अपने घर में बात करते हैं तो सब यही कहते हैं कि हम बहुत डरे हुए हैं. मेरा परिवार खतरे में हैं. अब्दुल ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'मेरा पूरा परिवार अभी हेरात में ही है. तालिबान ने हेरात को पूरी तरह से कब्जे में ले लिया है और मैं अपने परिवार की सुरक्षा के लिए बहुत परेशान हूं. हमेशा सरदर्द रहता है.'


सोशल मीडिया से मिल रही है खबर


शरणार्थीयों ने बताया कि न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर लगातार अपने देश में चल रहे हालात पर नजर बनाए हुए हैं. लगभग सभी शरणार्थियों के परिवार के कुछ लोग अभी भी अफगानिस्तान में ही रह रहे है. इसलिए वे तालिबान के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं. बता दें कि तालिबान देश की राजधानी काबुल की ओर तेजी से बढ़ रहा है. बीते तीन दिनों में तालिबान ने 10 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है. अमेरिका और ब्रिटिश सरकारें लगातार काबुल से अपने-अपने नागरिकों को वहां से निकाल रही हैं. अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात पर अब पूरी दुनिया चिंतित है.


LIVE TV