Cheetah in India: नामीबिया से लाए गए और मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो नेशनल पार्क में बड़े बाड़े में छोड़े जाने के 24 घंटों के भीतर दो अफ्रीकी चीतों ने अपना पहला शिकार किया. छोटे बाड़े से बड़े बाड़ों में छोड़े जाने के बाद 24 घंटे के अंदर चीतों के सफलतापूर्वक अपना पहला शिकार करने से पार्क प्रबंधन की चिंताएं दूर हो गई हैं.


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दो घंटे के अंदर शिकार को खा जाता है चीता
मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) उत्तर कुमार शर्मा ने बताया कि चीतों ने या तो रविवार को या सोमवार तड़के एक चीतल का शिकार किया. उन्होंने बताया कि वन निगरानी दल को सोमवार सुबह इसकी जानकारी मिली. उन्होंने कहा, ‘चीता दो घंटे के अंदर अपने शिकार को खा जाता है.’


बता दें 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत आठ चीतों ( 30-66 महीने के आयु वर्ग के पांच मादा और तीन नर) को 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में में डेडिकेटिड क्वारंटाइन जोन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक समारोह में छोड़ा गया था.  


बाकी चीतों को फेज वाइज छोड़ा जाएगा
शर्मा ने कहा कि दो चीतों को शनिवार को क्वारंटाइन जोन से 98 हेक्टेयर में फैले बड़े बाड़े में छोड़ा गया. शेष छह चीतों को फेज वाइज तरीके से बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा.


1947 में हुई थी भारत में अंतिम चीते की मौत
बता दें 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले में भारत में अंतिम चीता की मृत्यु हो गई और इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया. चीतों को सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर कहा जाता है. यह 100-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं.


(इनपुट - एजेंसी)


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