ED Raids Hero Motocorp: हीरो मोटो कॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) और एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की चल रही जांच के बाद अब दिल्ली पुलिस ने भी पवन मुंजाल और दूसरे आरोपियों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.


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आरोप है कि पवन मुंजाल ने फर्जी बिल बना कर इनकम टैक्स में जमा किए और सर्विस टैक्स में फायदा लिया. ये बिल कंपनी को मैन पावर सप्लाई करने वाली कंपनी के नाम से बनाए गए थे.
दिल्ली पुलिस ने हीरो मोटो कॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल, विक्रम सीताराम कासबेकर, हरी प्रकाश गुप्ता, मंजुला बनर्जी और हीरो मोटो कॉर्प के खिलाफ दर्ज किया है. ये मामला ब्रेन्स लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोमोटर रूप दर्शन पांडे की शिकायत और अदालत के आदेश पर दर्ज किया गया है.


रूप दर्शन ने लगाया ये आरोप


रूप दर्शन पांडे ने आरोप लगाया है कि हीरो मोटो कॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल उनकी कंपनी ब्रेन्स लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड से मैन पावर लिया करते थे जो कंपनी के प्रोडेक्ट को बनाने में मदद के लिए ली जाती थी.


रूप दर्शन के मुताबिक, साल 2009-10 में पवन मुंजाल ने बाकी आरोपियों के साथ मिलकर उसकी कंपनी के नाम से नकली बिल बनाए जो 5,95,52,525/ करोड़ के थे.  इन बिल पर हीरो मोटो कॉर्प लिमिटेड (HMCL) की स्टैंप लगी थी. 


जोड़ा गया फर्जी डेबिट


इस फर्जी बिल की वजह से रूप दर्शन की कंपनी में 5.95 करोड़ का फर्जी डेबिट जोड़ा गया और इसी बिल के जरिये पवन मुंजाल और कंपनी ने इनकम टैक्स से फर्जी सर्विस टैक्स( CENVAT) ले लिए, जो 55,51,777/ का था. यानी पवन मुंजाल और कंपनी ने बाकी आरोपियों के साथ मिलकर ना सिर्फ उनके साथ धोखाधड़ी की बल्कि सरकार के साथ भी धोखाधड़ी कर फर्जी सर्विस टैक्स क्रेडिट लिया. इस मामले में कंपनी की ऑडिटर मंजुला बनर्जी ने भी मदद की.


पीड़ित रूप दर्शन पांडे के वकील शाहजेब का कहना है ये फर्जी बिल बनाए गए है क्योंकि इन बिल पर साल 2009-10 की स्टैंप लगी हुई है, जो HMCL की है. जबकि ये कंपनी 27 जुलाई 2011 में बनी थी. इससे पहले हीरो मोटो कॉर्प लिमिटेड का नाम हीरो होंडा मोटर्स लिमिटेड था. 


इसके अलावा रूप दर्शन की कंपनी का हीरो होंडा के साथ करार 31 मार्च 2009 तक था और उसके बाद ये दोबारा नहीं किया गया. सवाल यही है कि जब कंपनी का करार साल 2009 में ही खत्म हो गया था और इसके दो साल बाद कंपनी का नाम बदला गया तो नए नाम की कंपनी की स्टैंप पुराने बिल पर कैसे हो सकती है.


अदालत ने केस दर्ज करने का दिया आदेश


इसी शिकायत को लेकर पीड़ित दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में साल 2021 में गया जिसके बाद सारे दस्तावेजों को देखने और सुनवाई के बाद अदालत ने दिल्ली पुलिस को पवन मुंजाल, कंपनी और बाकी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए.


पवन मुंजाल के खिलाफ ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले अगस्त महीने में ED ने भी कार्रवाई की थी और उनके घर मनी लॉड्रिंग मामले में छापेमारी कर 25 करोड़ की फॉरेन करंसी, सोना और ज्वैलरी जब्त की थी. पवन मुंजाल पर अपने कर्मचारियों की मदद से साल 2014-15 से 2018-19 के दौरान अवैध तरीके से 54 करोड़ की.