Farmer`s Protest: आंदोलन पर कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar का बड़ा बयान, जानिए क्या बोले
कृषि मंत्री ने ये भी कहा, ` कहीं कोई भीड़ इकट्ठी हो जाए और कह दे कि कानून पलट दो तो ऐसा नहीं होगा. तोमर ने कहा कि बातचीत का निर्णय तब होता है, जब कोई बताता है कि आखिर कानून में आपत्ति क्या है. हम ये भी जानना चाहते हैं कि कानून में किसान के विरुद्ध क्या है, ये तो कोई बताए.
ग्वालियर: कृषि कानूनों को खत्म करने से केंद्र सरकार ने एक बार फिर इनकार किया है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने रविवार को कहा है कि किसान यूनियन (Kisan Union) अपनी तकलीफ बताएं तो सरकार कृषि कानूनों (Farm Laws) में संशोधन को तैयार है. कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार किसी वक्त भी जरूरी संशोधन पर चर्चा को तैयार है.
'भीड़ लगाने से फैसला नहीं होता'
कृषि मंत्री ने ये भी कहा, ' कहीं कोई भीड़ इकट्ठी हो जाए और कह दे कि कानून पलट दो तो ऐसा नहीं होगा. तोमर ने कहा कि बातचीत का निर्णय तब होता है, जब कोई बताता है कि आखिर कानून में आपत्ति क्या है. हम ये भी जानना चाहते हैं कि कानून में किसान के विरुद्ध क्या है, ये तो कोई बताए. ऐसे थोड़ी होता है कि भीड़ इकट्ठी हो जाए और कहे कि कानून हटा दो, ऐसा नहीं होता है.' तोमर ने कहा कि सरकार खुद समझना चाहती है और कमियों में संशोधन के लिए तैयार हैं.
दिल्ली की सीमा पर डटे हैं किसान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी कह चुके हैं कि सरकार चर्चा करने को तैयार है. लेकिन किसान नेता अपनी मांगों पर अड़े हैं. गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठकी जारी है. इसके साथ ही गर्मी में भी आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाया जाएगा किसान वो प्लान भी कर चुके हैं. गर्मी के हिसाब से एसी और कूलर का इंतजाम हो रहा है. टेंट में सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी है. किसान संगठनों का कहना है कि जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेती है, तब तक पीछे नहीं हटेंगे.
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर रविवार को ग्वालियर में थे. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि किसान यूनियन से बेहद संवेदनशीलता के साथ 12 दौर की बातचीत की गई है.
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