अहमदाबाद: किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई और सड़क पर कीलें लगाई गईं. इसके बाद विपक्ष  लगातार सरकार पर हमलावर है. अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी सरकार पर निशाना साधा है.  


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'चीन को रोके सरकार'
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) नीत केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए दिल्ली में हाईवे को खोदने और कीलें लगाने के बदले सरकार को यही कदम चीन (China) की आक्रमकता को रोकने के लिए लद्दाख में उठाना चाहिए था.


'किसानों के मन की बात सुनें'
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से अपील की कि वह किसानों की ‘मन की बात’ को सुनें. उनका इशारा प्रधानमंत्री के हर महीने होने वाले रेडियो संबोधन की ओर था. ओवैसी ने एक रैली में कहा, ‘अगर आपने लद्दाख में कीलें लगाई होतीं तो चीनी सैनिक भारत में नहीं घुसे होते. आपने लद्दाख में कीलें नहीं लगाई, जहां भारतीय सेना (Indian Army) के 18 जवान शहीद हो गए. अगर आपका सीना 56 इंच का होता तो आप चीन को सबक सीखा चुके होते.’


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'तीनों कृषि कानून संविधान के खिलाफ'
ओवैसी ने कहा, ‘मोदीजी ने एक बार भी चीन का नाम तक नहीं लिया. वह सभी लोगों का और सभी चीजों का नाम लेंगे लेकिन चीन का नहीं.’ ओवैसी ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानून (New Farm Laws) भारत के संविधान के खिलाफ हैं क्योंकि कृषि राज्य का विषय है इसलिए ऐसे में केंद्र का राज्य के विषय में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि इस कानून का विरोध कर रहे किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है और आदिवासी-दलितों को नक्सली और मुस्लिमों को जिहादी बताया गया.


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