हैदराबाद: हाल ही में कतर के दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान (Taliban) के राजनीतिक ऑफिस के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास से मुलाकात की. यह बैठक तालिबान की मांग पर तय की गई थी. अब इस मामलो पर राजनीति तेज हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असुदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस मुलाकात को लेकर सरकार से सवाल पूछे हैं. 


'तालिबान को लेकर सरकार रुख साफ करे'


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(AIMIM) चीफ असुदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने चुटकी लेते हुए कहा, 'हम मोदी सरकार से पूछना चाहते हैं कि आपने उनको कबाब खिलाया, चाय पिलाई या नहीं.' साथ ही ओवैसी ने कहा, मोदी सरकार देश को बताये कि तालिबान आतंकवादी संगठन है या नहीं. अगर है तो क्या उसको UAPA  की लिस्ट में एड करेंगे या नहीं करेंगे. ओवैसी ने सरकार से तालिबान को लेकर रुख स्पष्ट करने को कहा है. इसते साथ ही ओवैसी ने पूछा कि क्या सरकार हक्कानी नेटवर्क को और टॉप 100 लीडर को डीलिस्ट (UN  समिति) करेगी.


तालिबान से क्या कहा था भारत ने?


बता दें, बीते मंगलवार को दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान (Taliban) के राजनीतिक ऑफिस के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास से मुलाकात. इस दौरान अफगानिस्तान (Afghanistan)  में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी पर चर्चा हुई. अफगान नागरिकों विशेषकर अल्पसंख्यकों, जो भारत की यात्रा करना चाहते हैं को लेकर भी चर्चा हुई. राजदूत मित्तल ने अफगानिस्तान की धरती का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किए जाने को लेकर चिंता जताई थी.


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पहली अधिकारिक बैठक थी ये


 यह भारत और तालिना के बीच पहली अधिकारिक बैठक थी. तालिबान ने भारत के मुद्दों पर समर्थन का भरोसा दिया था. तालिबान के प्रतिनिधि ने राजदूत को आश्वासन दिया कि इन मुद्दों पर सकारात्मक रूप विचार किया जाएगा. तालिबान तमाम देशों से अपने राजदूत वापस न बुलाए जाने की अपील कर रहा है और बेहतर संबंध रखने का वादा कर रहा है.  


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