औरंगाबाद: औरंगाबाद नगर निगम में शुक्रवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शोक प्रस्ताव का विरोध करने वाले एमआईएम पार्षद सैयद मतीन से पार्टी ने किनारा कर लिया है. पार्टी विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि पार्षद ने ऐसा क्यों किया, इसका कारण तो वही बता पाएगा लेकिन इस घटना सें पार्टी का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि हमारे पार्षद मतीन जो किया है उसका समर्थन नहीं करते. 


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जलील ने कहा कि मतीन के बारे में पार्टी अध्यक्ष ओवीसी निर्णय लेंगे. हालांकि जलील ने पार्षद की पिटाई करने वालों पर कारवाई की मांग की. गौरतलब है कि औरंगाबाद नगर निगम में MIM पार्षद सैयद मतीन शोकप्रस्ताव का विरोध किया था जिसके बाद बीजेपी पार्षदों ने इस MIM पार्षद की पिटाई कर दी थी. यह घटना नगर निगम की आम बैठक में हुई थी.


निकाय की बैठक शुरू होने पर बीजेपी पार्षद राजू वैद्य ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव पेश किया. एमआईएम पार्षद सैयद मतीन ने इसका विरोध किया. इससे बीजेपी के सदस्य नाराज हो गए और उन्होंने सदन में ही मतीन के साथ मारपीट की. बीजेपी पार्षदों द्वारा मतीन पर हमला और मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तथा कुछ टीवी चैनलों ने इसका प्रसारण भी किया.


 



वीडियो में दिख रहा है कि निगम के सुरक्षा अधिकारी मतीन को बचाकर सदन से बाहर ले जा रहे हैं। उन्हें बाद में पास के एक अस्पताल ले जाया गया. बीजेपी के एक पार्षद ने कहा कि एमआईएम सदस्य हंगामा करते रहे हैं और वह सदन में राष्ट्रीय गीत गाए जाने का भी विरोध कर चुके हैं. मतीन ने कहा कि वह (वाजपेयी को) श्रद्धांजलि दिए जाने के कदम का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे थे लेकिन करीब एक दर्जन बीजेपी पार्षदों ने उन पर हमला किया. 


इस घटना के कुछ देर बाद ही एमआईएम के कथित समर्थकों ने एक स्थानीय बीजेपी पदाधिकारी की कार को क्षतिग्रस्त कर दिया और ड्राइवर के साथ मारपीट की. बीजेपी पार्षद प्रमोद राठौड़ ने मांग की कि वाजपेयी को श्रद्धांजलि दिए जाने का विरोध करने के लिए मतीन को नगर निकाय से निष्कासित कर दिया जाए.