मिराज ने ही कर दिया पाकिस्तान का बुरा हाल, रफाल और F-21 आ गए तो क्या होगा
अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारतीय वायुसेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर लड़ाकू विमान F-21 को विशेष रूप तैयार किया है.
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना का विमान मिराज-2000 ने पाकिस्तान में घुसकर तबाही मचा दी. मंगलवार तड़के हुए इस हमले में कम से कम 300 आतंकियों के मारे जाने की आशंका है. पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार ने सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट दी थी. इस कार्रवाई में भारत की तरफ से 12 मिराज-2000 विमानों ने आतंकी ठिकानों पर 1000 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक गिराए. भारतीय सेना पहले से बहुत ज्यादा मजबूत है, लेकिन इसकी तरकश में अभी भी दो बेहतरीन लड़ाके विमान आने वाले हैं. एक विमान है राफेल (Rafale) और दूसरा है F-21. अमेरिकन कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारत को नया कॉम्बेट जेट F-21 ऑफर किया है.
आने वाले समय में भारत सरकार करीब 15 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ से ज्यादा) के फाइटर जेट खरीदने जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि सभी F-21 विमान 'मेक इन इंडिया' बनाने का ऑफर किया गया है. भारत और अमेरिका के बीच जो करार हुआ है उसके तहत अपने देश में 114 F-21 फाइटर जेट बनाए जाएंगे.
इसे टाटा अडवांस्ड सिस्टम की मदद से तैयार किया जाएगा. F-16 विमान को अमेरिका पहले भी भारत को ऑफर कर चुका है. इस विमान का इस्तेमाल दुनियाभर की सेना कर रही है.
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F-21 एक बहुत ज्यादा एडवांस्ड फाइटर जेट है. भारत की भौगोलिक परिस्थिति के हिसाब से यह लड़ाकू विमान बेहद शानदार है. हालांकि, लॉकहीड मार्टिन को इस बोली को जीतने के लिए कई और कंपनियों से मुकाबला करना पड़ रहा है. कंपनी ने बेंगलुरू में आयोजित ‘एयरो इंडिया 2019’ शो के पहले दिन इस लड़ाकू विमान का प्रदर्शन भी किया. इस मौके पर कंपनी की तरफ से कहा गया कि इस विमान को विशेष रूप से भारतीय वायुसेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. कंपनी ने साफ-साफ कहा है कि हम इस विमान को विश्व के किसी भी दूसरे देश को ऑफर नहीं करने वाले हैं.
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इस तरह अगर F-21 विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाता है तो हमारी शक्ति कई गुना और बढ़ जाएगी. मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमान पहले से हमारे पास हैं. यह कितना विध्वंसक है इसका अंदाजा तो सभी को हो ही चुका है. आपको बता दें मिराज को भी फ्रांस की उसी कंपनी डसॉल्ट ने ही बनाया है जिसने राफेल को तैयार किया है. राफेल 'मिराज-2000' से भी ज्यादा शक्तिशाली विमान है. ऐसे में यह सोचना लाजिमी है अगर आज भारतीय वायु सेना के पास राफेल विमान होता तो इस कार्रवाई का अंजाम क्या होता. इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि राफेल मिराज से कई मामलों में आगे हैं. जानकारों का यह भी कहना है कि 12 'मिराज-2000' के मुकाबले कम राफेल को ही पीओके भेजना पड़ता. आगे पढ़िए राफेल और मिराज-2000 की खासियत.
मिराज के मुकाबले राफेल
- राफेल यह दो इंजन वाला फाइटर जेट है, इसे हर तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है. भारतीय सेना के पास मौजूद मिराज-2000 की बात करें तो यह विमान एक सीट वाला फाइटर जेट है. यह फाइटर जेट हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने में माहिर है.
- राफेल की सबसे अहम खूबी यह है कि यह एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है. राफेल की अधिकतम रफ्तार 2200 सक 2500 प्रतिघंटा किमी है. जबकि मिराज विमान एक घंटे में 2495 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है. मिराज-2000 हर तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है.
-राफेल विमान अत्याधुनिक हथियारों से लैस है. इसमें प्लेन के साथ मेटेओर मिसाइल भी है. राफेल 150 किमी की बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल से लैस है. हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल है. वहीं, 'मिराज-2000' बेहद तेज गति से कम ऊंचाई पर उड़ते हुए जमीन पर मौजूद दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी कर सकता है. मिराज 2000 एक साथ कई निशाने पर हमला कर सकता है.
- राफेल स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी. इसकी मारक क्षमता 3700 किमी. तक की है. वहीं, 'मिराज-2000' एक बार में 17 हजार किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है.
- राफेल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. यह 75% विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार हैं. इस विमान में भारतीय वायुसेना के हिसाब से फेरबदल किए गए हैं. वहीं, मिराज 2000 में हथियारों के लिए नौ हार्ड प्वाइंट हैं. प्लेन के नीचे पांच और दो दोनों तरफ के पंखों पर हथियार हैं. भारत के पास 51 मिराज 2000 विमानों का बेड़ा है.
मिराज-2000' की 10 खूबियां
- भारतीय सेना के पास मौजूद मिराज-2000 विमान एक सीट वाला फाइटर जेट है. इसका निर्माण 'डसॉल्ट मिराज एविशन' ने किया है. मिराज- 2000 फाइटर जेट को 1980 के दशक में फ्रांस से खरीदा गया था.
- यह विमान एक घंटे में 2495 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है. मिराज एक फ्रेंच बहुउपयोगी फोर्थ जेनरेशन का सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है.
- भारतीय वायु सेना के पास 50 'मिराज-2000' हैं. इस हमले में एयरफोर्स ने 12 विमानों का इस्तेमाल किया है. पिछले दिनों भारतीय सरकार ने इन विमानों के अपग्रेडेशन के लिए फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन के साथ करार किया था, जिसके तहत कुछ विमानों का अपग्रेडेशन हो गया. अपग्रेडशन के बाद ये विमान पहले से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं.
- दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू विमानों की लिस्ट में 'मिराज-2000' दसवें नंबर पर है. इसकी पहली उड़ान 10 मार्च 1978 को हुई थी.
- यह विमान जमीन पर भारी बमबारी करने के साथ ही हवा में मौजूद दूसरे प्लेन्स को भी निशाना बनाने में सक्षम है. 21 मई, 2015 को मिराज-2000 दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर लैंड कराया गया. इसे आपातकालिन स्थिति में राष्ट्रीय राजमार्गों को रनवे की तरह इस्तेमाल किया जा सके, इसलिए इस ड्रिल को मिराज से अंजाम दिया गया था.
- फ्रांस की कंपनी की तरफ से बनाए गए मिराज-2000 हर तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है.
- 'मिराज-2000' बेहद तेज गति से कम ऊंचाई पर उड़ते हुए जमीन पर मौजूद दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी कर सकता है.
- 'मिराज-2000' एक बार में 17 हजार किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है.
- इसकी रेंज 1480 किमी है यानी एक बार में 1480 किमी दूर तक दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी कर सकता है. डसॉल्ट मिराज 2000 हवा से सतह पर मिसाइल और हथियार से हमला करने के साथ-साथ लेजर गाइडेड बम (LGB) दागने में भी सक्षम है.
- 1999 में करगिल युद्ध के दौरान मिराज-2000 ने अहम भूमिका निभाई थी और दुश्मन को नेस्तनाबूद कर दिया था. करगिल की लड़ाई में मिराज ने दुश्मन के ठिकानों पर लेजर गाइडेड बम दागे थे, जिससे अहम बंकरों को ध्वस्त कर दिया गया था. यह लड़ाकू विमान फ्रांसिसी एयरफोर्स के साथ भारतीय वायुसेना, युनाइटेड अरब अमीरात एयरफोर्स और चीनी रिपब्लिक वायुसेना के बेड़े में भी शामिल है.