नई दिल्ली: एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक 25 मार्च तक बढ़ा दी है. दरअसल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के मौजूद न रहने के चलते कोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 मार्च तक टाल दी है. 


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आपको बता दें कि कोर्ट इस समय कार्ति और पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है और इस अग्रिम जमानत का ईडी और सीबीआई विरोध कर रही है. ईडी और सीबीआई का कहना है कि उसे जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए. ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए. 


कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब तक सरकारी अनुमति न लेने पर जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने जांच एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर मामले की अगली सुनवाई तक चार्जशीट में दर्ज नामों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई के लिए इजाजत नहीं मिली तो अदालत जांच एजेंसियों की तरफ से दायर चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लेगी. पिछली सुनवाई में पी चिदंबरम पर मुकद्दमा चलाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी. पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ ईडी और सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट पर पटियाला हाउस कोर्ट को संज्ञान लेना है. ईडी और सीबीआई ने कार्ति और पी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.


एयरसेल-मैक्सिम केस में दायर हुई थी चार्जशीट 
एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में कहा गया था कि पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपनी पावर का गलत इस्तेमाल किया. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120B और पीसी एक्ट की धारा 7, 1213 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है. दरअसल, इस मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. जबकि ईडी ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.