Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस मुद्दे पर छिड़े विवाद को लेकर समाजवादी पार्टी अब बैकफुट पर नजर आ रही है. पार्टी ने अपने दफ्तर के बाहर लगे रामचरितमानस वाले पोस्टर को हटा लिया है. साथ ही पार्टी नेतृत्व की तरफ से साफ तौर पर संदेश दिया गया कि पार्टी का कोई भी नेता या कार्यकर्ता धार्मिक मुद्दों पर बात नहीं करेगा. दरअसल, समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए बयानों को लेकर पार्टी को चौतरफा विरोध का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही इस मुद्दे पर सहयोगी पार्टियों से भी सपा को समर्थन नहीं मिल रहा है. अब विवाद को बढ़ता देख पार्टी ने इससे अपने हाथ पीछे खींचने का फैसला कर लिया है.


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हाल ही में सपा के दफ्तर के बाहर शूद्र वाले पोस्टर चस्पा किए गए थे. बताया गया कि ये स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में लगाए गए थे लेकिन अब इन्हें वहां से हटा लिया गया है. साथ ही पार्टी के दिग्गज नेताओं ने भी खुद को स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से अलग कर लिया है. रामचरितमानस को लेकर दिए मौर्य के बयान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने यहां तक कहा कि मौर्य का बयान उनका निजी बयान है, समाजवादी पार्टी का उससे कोई लेना देना नहीं है.


हालांकि, समाजवादी पार्टी ने दो नेताओं को पार्टी ने निकाल दिया है क्योंकि उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ जाकर बात की थी. दरअसल, रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह ने रामचारितमानस की चौपाइयों को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान का विरोध किया था, इसके बाद दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता देखना पड़ा.


इधर, सपा ने पार्टी के विधायक दल की बैठक से पहले ऑफिस के बाहर लगे पोस्टर को हटा दिया. क्या चुनाव से पहले अखिलेश यादव किसी नए दांव की तैयारी में हैं? अचानक रामचरितमानस मामले पर पैर खींचने के बाद से ये सवाल उठने लगे हैं.


विधायक दल की बैठक में समाजवादी पार्टी के नेतृत्व की तरफ से कह दिया गया है कि रामचरितमानस का मुद्दा कोई भी विधायक अपनी ओर से सदन या बाहर नहीं उठाएगा. साथ ही यह भी कहा गया कि इस मुद्दे पर या धार्मिक मुद्दों पर बात करने की जगह सरकार की नाकामियों पर ज्यादा से ज्यादा बात करें. शिवपाल यादव ने सपा की विधायक दल की बैठक में कहा विवादित मामले पर कोई भी नेता बयान नहीं देगा. हालांकि, इस बैठक में अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य मौजूद नहीं थे.


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