देश में अब एक भी आतंकी हमला हुआ तो पाकिस्तान की खैर नहीं! सरकारी सूत्र का दावा
सरकारी सूत्रों ने कहा कि बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्र के खिलाफ कार्रवाई पूरी हो चुकी है.
नई दिल्ली: सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि एक और आतंकवादी हमला होने की स्थिति में भारत के पास "सभी विकल्प" मौजूद हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बालाकोट में किए गए भारत के आतंकवाद रोधी हमले का मकसद पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की ‘‘क्षमता और इच्छा शक्ति’’ को प्रदर्शित करना था. सरकारी सूत्रों ने कहा कि बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्र के खिलाफ कार्रवाई पूरी हो चुकी है और इस बात पर जोर दिया कि भारत का लक्ष्य पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर करना है.
हालांकि, उच्च पदस्थ सूत्रों ने पिछले हफ्ते बालाकोट में भारतीय वायुसेना के बम गिराने की कार्रवाई में मारे गए लोगों (आतंकवादियों) की संख्या बताने से इनकार कर दिया, जबकि इस मुद्दे पर जोरदार बहस छिड़ी हुई है. बालाकोट हमले पर पिछले हफ्ते संवाददाताओं से विदेश मंत्रालय ने कहा था कि काफी संख्या में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर और आत्मघाती हमले के लिए प्रशिक्षत जिहादियों के समूह का खात्मा हो गया है.
सरकारी सूत्रों ने कहा था कि 350 आतंकवादी मारे गए, तो वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह संख्या 250 बताई. इस हवाई हमले में बहुत कम नुकसान पहुंचने के बारे में मीडिया में आई खबरों पर विपक्षी दल स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि भारत ने बालाकोट हमले के एक दिन बाद हवाई झड़प के दौरान पाकिस्तान द्वारा एफ - 16 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल करने का सबूत अमेरिका से साझा किया है.
साथ ही उसे विश्वास है कि अमेरिका इस मामले की जांच कर रहा है. एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘नया पाकिस्तान’ नारे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आने वाले दिनों में हमारी कोशिश यह देखने की होगी कि वहां आतंकी ढांचे से निपटने के लिए क्या पाकिस्तान ठोस कार्रवाई करता है. यदि एक ‘नया सोच’ वाला ‘नया पाकिस्तान’ है तो हम जमीन पर ‘नयी कार्रवाई’ की उम्मीद करते हैं.
न कि सिर्फ बयानबाजी.’’ सूत्र ने कहा कि इस वक्त पाकिस्तान सरकार का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बस यह दिखाना है कि वह कदम उठा रहा है. ‘‘हम उसे ऐसा नहीं करने देंगे . हमारी कोशिश और जोर पाकिस्तान की साजिश को बयां करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों से संपर्क साधना है.’’ सूत्रों ने यह भी कहा कि भारत के साथ गतिरोध को दूर करने के लिए मध्यस्थता कराने की खातिर पाकिस्तान ने सभी देशों से गुहार लगाई लेकिन किसी भी देश ने उसके अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया.
सूत्रों ने कहा कि विश्व के कई नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और आकलन यह है कि भारत के रूख को मजबूत समर्थन और सहमति मिली है. उन्होंने कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को फौरन रिहा करने के लिए इस्लामाबाद पर पर्याप्त दबाव बनाया गया था. एक सूत्र ने कहा, ‘‘किसी भी देश ने इस विषय में मध्यस्थता की कोई पेशकश नहीं की. हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह भारत-पाकिस्तान का मुद्दा नहीं है.
यह आतंकवाद का मुद्दा है.’’ सूत्रों ने पाकिस्तान के इस दावे को पूरी तरह से झूठ करार दिया कि उसने 27 फरवरी को हुई हवाई झड़प के दौरान भारत के एक सुखोई 30 लड़ाकू विमान को मार गिराया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अपने (पाक के)लोगों को दहशत में रखने की रणनीति को भारत समझता है. उसकी इस रणनीति का उद्देश्य यह है कि लोग अटपटा सवाल नहीं पूछे.
बालाकोट में जैश के ठिकाने पर भारतीय वायुसेना के बम गिराने का बहुत कम प्रभाव पड़ने की पाकिस्तान में चल रही खबरों के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि यदि कोई नुकसान नहीं हुआ तो पाकिस्तानी मीडिया को कार्रवाई स्थल पर क्यों नहीं ले जाया जा रहा है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा सीएनएन और बीबीसी को दिए गए साक्षात्कार का जिक्र करते हुए सूत्रों ने कहा कि इन बातचीत से यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान सरकार में ऐसे लोग भी हैं जो न सिर्फ यह जानते हैं कि जैश प्रमुख मसूद अजहर कहां है, बल्कि उसके संपर्क में भी हैं.
सूत्रों ने बताया कि एक साक्षात्कार में पत्रकार ने अजहर को जैश का प्रमुख बताया और पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इससे इनकार नहीं किया, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा उसे वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने की कोशिश के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. इससे पहले इस्लामाबाद ने कहा था कि अजहर जैश का प्रमुख नहीं है और वह एक धर्मोपदेशक है.
सूत्रों ने सोमवार को कहा था था कि बालाकोट हमले के बाद पश्चिम सेक्टर के अपने सभी एयर बेस को वायुसेना ने अधिकतम अलर्ट पर रखा है. उल्लेखनीय है कि भारत के हवाई हमले को सरकार ने गैर सैन्य कार्रवाई बताया था. पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद सीमा पार यह कार्रवाई की गई थी.
कश्मीर पर इस्लामी देशों के संगठन (ओआईसी) के एक प्रस्ताव पारित करने पर सूत्रों ने कहा कि भारत विरोधी प्रस्ताव पाकिस्तान ने पेश किये और इस संगठन की परंपरा रही है कि सभी प्रस्तावों को बगैर चर्चा के स्वीकार कर लिया जाता है. पिछले हफ्ते आबू धाबी में इसके पूर्ण सत्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शरीक हुई थी. इस बीच, इस्लामाबाद में पाकिस्तानी गृह राज्य मंत्री शहरयार खान अफरीदी ने मसूद अजहर के बेटे और भाई सहित प्रतिबंधित संगठनों के 42 अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की घोषणा की है.