Special Parliament Session: संसद के विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक रविवार को बुलाई गई. इसमें विपक्षी दलों के कई नेता शामिल हुए. बैठक में शरीक होने वाले नेताओं में डीएमके नेता वाइको, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता वी शिवदासन, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं. इस बैठक में विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ पार्टी ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल को पारित करने पर जोर दिया. इस पर सरकार ने कहा कि वह सही समय पर फैसला लेगी.


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'बड़े दिल से करनी चाहिए शुरुआत'


संसद के विशेष सत्र पर AAP नेता संजय सिंह ने कहा, आज सर्वदलीय बैठक में सरकार ने कहा कि एजेंडा बाद में बताया जाएगा. RLP-LJP समेत सभी विपक्षी दलों ने मेरा और राघव चड्ढा का निलंबन रद्द करने की मांग की क्योंकि हम नई संसद में जा रहे हैं तो हमें बड़े दिल से एक नई शुरुआत करनी चाहिए. 


इसके अलावा बैठक में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के चयन के प्रोसेस में कोई तब्दीली न करने का भी मुद्दा उठाया. इसके अलावा विपक्ष ने CAG रिपोर्ट, जाति जनगणना,महिला आरक्षण, मणिपुर और मेवात के अलावा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग की. 


केंद्र सरकार ने रविवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें विभिन्न नेताओं ने कहा कि महिला आरक्षण बिल को पेश किया जाना चाहिए, जो लंबे वक्त से लंबित पड़ा है. उन्होंने कहा कि इसको सर्वसम्मति से पारित किया जाएगा, ऐसी उम्मीद है. 


कौन से बिल कार्यसूची में शामिल?


संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 10 अगस्त को राज्यसभा में, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल के संबंध में पेश विधेयक को आगामी सत्र में पारित कराने के लिए सरकार ने कार्यसूची में शामिल किया है, जिसकी कुछ विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है और उनके नेताओं ने इसे असंवैधानिक’ बताया है.


 हालांकि, बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में महिला आरक्षण की जोरदार वकालत की गई. बीजेपी की सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस एवं उसके सहयोगियों की इस मांग में उनका साथ दिया. सर्वदलीय बैठक के बाद बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि नए संसद भवन से एक नए युग की शुरुआत होनी चाहिए और महिला आरक्षण विधेयक पारित होना चाहिए. 


सूत्रों ने बताया कि बीआरएस नेता के केशव राव ने सनातन धर्म को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना की. कुछ विपक्षी नेताओं ने इस सत्र के दौरान प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं रखने के फैसले का भी विरोध किया. 


(इनपुट-पीटीआई)