कोरोना काल के बाद शुरू हुई बाबा बर्फानी की यात्रा में इस बार पांच साल का रिकॉर्ड टूट गया है. अमरनाथ यात्रा में इस बार भोले बाबा के 3.65 लाख भक्तों ने पवित्र गुफा तक पहुंचकर हिम शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं. 2016 के बाद भक्तों का यह सबसे अधिक आंकड़ा है. 29 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के लिए शुक्रवार को 4,821 यात्रियों का एक और जत्था रवाना हुआ. 


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अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से आने वाले 14 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. अधिकारियों ने कहा, ''आज 4,821 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ. इनमें से 1,731 तीर्थयात्री सुबह 3.13 बजे 54 वाहनों के सुरक्षा काफिले में उत्तरी कश्मीर बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुए. वहीं, 3,090 यात्री सुबह चार बजे 96 वाहनों के सुरक्षा काफिले में दक्षिण कश्मीर नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुए. दोनों काफिलों के दो चरणों वाले शिविरों की आगे की यात्रा के लिए आज दोपहर तक घाटी पहुंचने की उम्मीद है."


यात्री गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग या 14 किलोमीटर के छोटे बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करते हैं. पहलगाम मार्ग का इस्तेमाल करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करने वाले लोग दर्शन करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं. समुद्र तल से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा को दुनिया भर के लाखों हिंदू भगवान शिव के घर के रूप में पूजते हैं. इस साल लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर दो आधार शिविर बनाए गए हैं और गुफा मंदिर पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं, ताकि यात्रा सुचारू और दुर्घटना मुक्त रहे. दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं. अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी.