Amarnath Cave: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर अटैक करते हुए शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था कश्मीर पहुंच गया है. बम भोले और भूखे को अन्न प्यासे को पानी... जय बाबा बर्फानी के जयकारे लगाते हुए जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से तड़के श्रद्धालुओं का जत्था रवाना हुआ. दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में नवयुग सुरंग पर 4,603 तीर्थयात्रियों का पुलिस अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने स्वागत किया. 


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4603 श्रद्धालुओं का पहला जत्था पहुंचा कश्मीर


शनिवार को अनंतनाग में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यह 52 दिवसीय तीर्थयात्रा शुरू होगी. यात्रा 19 अगस्त को संपन्न होगी. 'बम बम भोले' और 'हर हर महादेव' के जयकारों के बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा के लिए भगवती नगर स्थित यात्री निवास आधार शिविर से 4,603 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा की कामना की. उन्होंने कहा कि बाबा अमरनाथ जी का आशीर्वाद सभी के जीवन में शांति, खुशी और समृद्धि लाए. 



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231 वाहनों के काफिले में पहुंचे भक्त


231 वाहनों के काफिले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जम्मू से तीर्थयात्री श्रीनगर पहुंचे. कुलगाम के उपायुक्त (डीसी) अतहर आमिर खान ने संवाददाताओं को बताया कि बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों का उनके आगमन पर प्रशासन, नागरिक समाज के सदस्यों, व्यापार जगत, फल उत्पादकों और बाजार संघों द्वारा स्वागत किया गया. खान ने कहा कि हम सभी तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हैं. सभी के लिए उचित व्यवस्था की गई है. 


3880 मीटर की ऊंचाई तक जाएंगे भक्त


अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों का काफिला बालटाल और पहलगाम स्थित आधार शिविरों के लिए अलग-अलग रवाना हुआ, जहां से वे शनिवार सुबह दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के अमरनाथ गुफा मंदिर तक की कठिन यात्रा करेंगे. अधिकारी ने कहा कि 28 जून से 19 अगस्त तक विभिन्न मार्गों पर यातायात प्रतिबंध लगाए जाएंगे तथा लोगों की असुविधा को कम करने के लिए नियमित रूप से परामर्श जारी किया जाएगा. 


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125 लंगर रास्ते भर में लगाए गए


खबरों के अनुसार इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए तीन लाख पचास हजार से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है. गुफा मंदिर के दोनों मार्गों पर 125 सामुदायिक लंगर स्थापित किए गए हैं और 6,000 से ज़्यादा स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सहायता कर रहे हैं.