Pilgrims Will Not Be Able To Enter Without RFID Tag: अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने फैसला किया है कि रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) के बिना अमरनाथ यात्रा के तीर्थ यात्रियों को कोई प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इस साल अमरनाथ यात्रा करने वाले सभी भक्तों के लिए RFID टैग अनिवार्य है. श्राइन बोर्ड के अधिकारी (CEO) नितीश्वर कुमार ने कहा कि सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, सरकार ने RFID टैग प्रदान करने का निर्णय लिया है. रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग अधिकारियों को एक तीर्थ यात्री को ट्रैक करने और उसके ठिकाने के बारे में जानने में मदद करेगा. इससे यात्रा करने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा देने में मदद मिलेगी.


सुरक्षा में करेगा मदद


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श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (Shri Amarnath Shrine Board) के सीईओ नितीश्वर कुमार ने कहा, 'RFID टैग एक तीर्थ यात्री को ट्रैक करने और यह बताने में मदद करेगा कि वह व्यक्ति कहां है. RFID के बहुत सारे लाभ हैं और उनमें से सबसे महत्वपूर्ण है कि यह पता लगाएगा कि क्या कोई अज्ञात व्यक्ति है जो सुरक्षा एजेंसियों को उनकी पहचान करने में मदद करेगा. अधिकारियों ने यह भी कहा कि जो तीर्थयात्री जहाजों या ट्रेनों के माध्यम से यात्रा के लिए आएंगे, उन्हें हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन पर RFID टैग के प्रावधान से संबंधित सुविधाएं दी जाएंगी.  


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नए नियम का पालन करने की अपील


यहां तक कि पोनी वाला, लंगर सेवा वाला और अन्य जो यात्रा में जुड़ा हो, सभी को ये टैग प्रदान किए जाएंगे. दुकान लगाने वाले स्थानीय व्यापारियों को भी ये टैग दिए जाएंगे. अधिकारियों ने इस साल यात्रा करने वाले सभी लोगों से RFID टैग हासिल करने के नए नियम का पालन करने की भी अपील की. अधिकारियों का कहना है कि यह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए है. इस वर्ष पवित्र अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगी. सरकार (Government) को उम्मीद है कि इस साल यात्रा में करीब 8 लाख तीर्थयात्री शामिल होंगे क्योंकि पिछले दो वर्षों से कोविड (Covid-19) के कारण यात्रा नहीं हो पाई थी. 


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सरकार ने किए कई इंतजाम 


अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को लेकर सरकार ने RFID टैग के अलावा कई और सुरक्षा के प्रबंध किए हैं. इनमें ड्रोन से निगरानी, जगह-जगह X-ray मशीन, सुरक्षाबलों की तैनाती, सेना, CRPF, सीमा सुरक्षाबल, एसएसबी और जम्मू कश्मीर पुलिस शामिल हैं. खुफिया इंपुट्स के मुताबिक आतंकी (Terrorists) यात्रा को निशाना बना सकते हैं क्योंकि यह अनुच्छेद 370 के हटने के बाद होने वाली पहली अमरनाथ यात्रा है. 


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