Amit Shah reaction on Satya Pal Malik: पुलवामा हमले को लेकर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक के आरोप पर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पलटवार किया है. एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा, 'सत्यपाल मलिक को बीजेपी (BJP) से अलग होने के बाद ही उन्हें ये सब बातें क्यों याद आने लगीं. उनकी आत्मा तब क्यों नहीं जागी जब वो सत्ता में बैठे थे. अमित शाह ने ये भी कहा कि बीजेपी ने ऐसा कुछ नहीं किया जिसे छिपाना पड़े. 


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विश्वसनीयता पर उठाए सवाल


अमित शाह ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सत्यपाल मलिक की बात अगर सही है तो जब वे गवर्नर थे, तब चुप क्यों रहे थे. इसका जवाब भी उन्हें देना चाहिए. आपको बताते चलें कि सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि केंद्र के 'ढुलमुल रवैये' के कारण पुलवामा की त्रासदी हुई, क्योंकि सेना को केंद्र सरकार की तरफ से सैनिकों की हवाई आवाजाही से वंचित कर दिया गया था. 


सीबीआई का समन


इस बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) को सीबीआई (CBI) ने तलब किया है. जम्मू कश्मीर (J&K) में उनके राज्यपाल रहते हुए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश के मामले में उनसे पूछताछ की जाएगी. अब इसे लेकर राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस का आरोप है कि उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर सवाल खड़े किए इसलिए उन्हें समन भेजा गया. वहीं, अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इन आरोपों पर पलटवार किया है. शाह ने ये भी कहा कि मलिक को समन सरकार ने नहीं बल्कि सीबीआई ने भेजा है.


आज दिल्ली में मलिक का आयोजन


आज सुबह से सत्यपाल मलिक दिल्ली में हैं. जहां उनका सम्मान करने के लिए हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खापों के प्रतिनिधि, आरके पुरम के सेक्टर-12 स्थित सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए थे. जैसे ही सत्यपाल मलिक वहां पहुंचे, पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया. वहां पर टेंट गिरा दिया गया. खाप प्रतिनिधियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी. वो सामान भी इधर-उधर बिखरा दिखाई दिया. इस पर पुलिस ने कहा, पार्क में आयोजन की मंज़ूरी नहीं ली गई थी.


डीसीपी का बयान


दिल्ली पुलिस के डीसीपी साउथ-वेस्ट के मुताबिक सत्यपाल मालिक के बेटा और बेटी आरके पुरम इलाके में रहते हैं. वो भीड़ के साथ पार्क में मीटिंग कर रहे थे, जब पुलिस ने उनसे पूछा कि सार्वजनिक जगह पर मीटिंग की परमिशन है, तो उन्होंने कहा नहीं है, जिसके बाद वो अपनी कार से थाने आए. पुलिस ने न तो उन्हें बुलाया और न ही हिरासत में लिया है.


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