नई दिल्ली : अमरावती में आयोजित टीडीपी की बैठक खत्म हो गई. बैठक में जिस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं, ऐसा कुछ नहीं हुआ है. हालांकि टीडीपी ने साफ कर दिया है कि मुद्दों को लेकर उसका केंद्र के साथ विरोध जारी रहेगा. बताया जा रहा है कि अमित शाह के दखल के बाद बीजेपी-टीडीपी गठबंधन पर आया संकट टल गया है. बैठक के बाद मीडिया में चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए केंद्रीय मंत्री वाईएस चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ना तो शिवसेना से कोई बात हुई है ना ही अमित शाह से. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैठक में बजट और बजट में आंध्र प्रदेश की अनदेखी पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के विकास को लेकर दबाव बनाए रखेंगे. इस मुद्दे को संसद में भी उठाया जाएगा. हालांकि मीडिया रिपोर्ट में यह बात आ रही है कि अमित शाह के फोन के बाद चंद्रबाबू नायडू के तेवर नरम हुए हैं. सूत्र बताते हैं कि अमित शाह ने मुख्यमंत्री को सख्त फैसला ना लेने की सलाह दी थी. 


चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'TDP निभा रही है मित्रधर्म, बीजेपी को तय करना है गठबंधन'


बजट में अनदेखी से नाराज
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा एक फरवरी को आम बजट पेश किए जाने के बाद से लागातार टीडीपी नेताओं ने आंध्र प्रदेश की उपेक्षा के केंद्र पर गंभीर आरोप लगाए. इसके अलावा खुद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि गठबंधन उनकी मजबूरी नहीं है. नायडू ने केंद्रीय बजट पर कथित तौर पर गंभीर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य की अनदेखी क्यों की. नायडू ने कहा कि बेंगलुरू, मुंबई और अहमदाबाद को विभिन्न परियोजनाओं के लिए अच्छी खासी राशि आवंटित की गई है लेकिन विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम मेट्रो रेल सहित हमारी किसी परियोजना को कुछ नहीं मिला. 


आंध्र प्रदेश : TDP-BJP गठबंधन रहेगा या टूटेगा?



बोले राम माधव
बीजेपी के महासचिव राम माधव ने हाल ही कहा था कि बीजेपी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि टीडीपी के साथ बीजेपी का पुराना गठबंधन है. केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश के विकास को लेकर वचनबद्ध है. 2014 में अलग राज्य बनने के बाद टीडीपी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है. लेकिन केंद्र द्वारा इस मांग को खारिज कर दिया गया. 


रिश्तों में आई दरार
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दोस्ती का हवाला देते हुए सहयोगी दल बीजेपी के साथ विवाद पर बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इस बारे में तब बोलेंगे, जब भगवा दल गठबंधन जारी रखना नहीं चाहेगा. नायडू ने अपनी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर एक सवाल के जवाब में यह कहा. तेलुगू देशम पार्टी (तेदपा) प्रमुख नायडू ने कहा कि मुद्दे के बारे में सोचना बीजेपी नेताओं पर निर्भर है. उन्होंने कहा, ‘मैं मित्रपक्ष धर्म के चलते कुछ नहीं कहूंगा. उनके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए.’