लंदन : पाकिस्तान द्वारा भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देने पर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कड़ा विरोध जताया है. एमनेस्टी इटंरनेशनल ने जाधव की सजा का विरोध करते हुए सोमवार को कहा कि पाकिस्तान की अदालत ने अंतरराष्ट्रीय मानकों की धज्जियां उड़ाई हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ने कहा कि  पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने एक बार फिर दिखा दिया है कि किस तरह उसने अंतरराष्ट्रीय मानकों का माखौल उड़ाया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आज सैन्य अदालत के फैसले की क्षमता पर भी सवाल उठाए।


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एमनेस्टी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया निदेशक बिराज पटनायक ने कहा, ‘कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देना दर्शाता है कि किस तरह पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अंतरराष्ट्रीय मानकों की धज्जियां उड़ाई हैं।’वह कथित जासूसी मामले में जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा देने पर प्रतिक्रिया जता रहे थे।


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उन्होंने बयान जारी कर कहा, ‘बचावकर्ताओं को उनके अधिकारों से वंचित करना और कुख्यात गोपनीय तरीके से काम कर सैन्य अदालतें न्याय नहीं करतीं बल्कि उसका मजाक उड़ाती हैं। उनकी काफी गलत व्यवस्था है जिन्हें केवल सैन्य अनुशासन के मुद्दों से निपटना चाहिए न कि अन्य अपराधों से।’ उन्होंने कहा कि एमनेस्टी हमेशा किसी भी स्थिति में मौत की सजा का विरोध करती है।


गौरतलब पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोपों पर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है. पाकिस्तान के इस फैसले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. भारत ने कहा है कि जाधव को यदि फांसी दी जाती है तो भारत इसे एक हत्या के रूप में देखेगा. भारत ने 11 पाकिस्तानी मछुआरों की रिहाई भी फिलहाल टाल दी है. विदेश मंत्रालय ने आज पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को दिल्ली में तलबकर उनसे कुलभूषण की सजा पर कड़ा विरोध जताया है.  


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