Who is Amritpal Singh: कई महीनों से पंजाब पुलिस का सिरदर्द बने खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने सरेंडर कर दिया है. अमृतपाल पिछले करीब एक महीने से फरार चल रहा था. पिछले करीब एक महीने के दौरान पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापेमारी भी की गई थी लेकिन वो हाथ नहीं आ सका था. आइए अब आपको बताते हैं, कौन है अमृतपाल सिंह जिसकी भिंडरावाले से तुलना हो रही है.


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कौन है अमृतपाल सिंह


30 साल का अमृतपाल सिंह एक संगठन 'वारिस पंजाब दे' (Waris Punjab De) का प्रमुख है. अमृतपाल पाल कुछ महीने पहले ही दुबई से वापस पंजाब आया था और तब से वो वारिस पंजाब दे संगठन की मुखिया की जिम्मेदारी संभाल रहा था. पंजाब में पिछले कुछ महीनों से उसकी तुलना जरनैल सिंह भिंडरावाले से हो रही है. उसे  भिंडरावाला-2.0 तक कहा जा रहा है. आपको बताते चलें कि भिंडरा वाले ने 1980 के दशक में सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग उठाई थी और पूरे देश में सनसनी फैला दी थी. अब उसी के नक्शेकदम पर चलते हुए अमृतपाल सिंह चल रहा है. जो सिर पर भारी पगड़ी बांधता है और भीड़ को उकसाने वाले बयान देकर माहौल गरम कर देता है. 


2022 में दुबई से भारत आया


आपको बताते चलें कि अमृतपाल सिंह के चाचा का दुबई में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय है. अमृतपाल, दिल्ली में हुए किसान आदोलन के दौरान दीप सिद्धू के साथ दिल्ली बॉर्डर पर आया था, तब उसकी प्रोफाइल एक बिजनेस मैन की थी. कुछ समय बाद उसने दोबारा केश रखकर सितंबर 2022 में दस्तारबंदी की और मोगा के गांव रोडे में दस्तारबंदी का बड़ा कार्यक्रम किया और दीप सिद्धू की संस्था वारिस पंजाब दे का प्रमुख बन गया. इसके साथ ही अमृतपाल ने पंजाब में धार्मिक यात्रा चलाई. वह युवाओं को अमृत छकाने लगा और खालिस्तान के नाम पर ग्रामीण युवाओं को जोड़ने लगा. उसके साथ पंजाब के हजारों लोग जुड़ते चले गए. 


भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा


अमृतपाल सिंह, सरेआम खुद को खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी बताता है. संगठन के मुखिया की ताजपोशी पर अमृतपाल सिंह ने कहा था, 'भिंडरावाले मेरी प्रेरणा हैं. में उनके बताए रास्ते पर चलूंगा. मैं उनके जैसा बनना चाहता हूं, क्योंकि ऐसा हर एक सिख चाहता है लेकिन में उनकी नकल नहीं उतार रहा. मैं उनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं हूं. मैं पंथ की आजादी चाहता हूं. मेरे खून का हरेक कतरा इसके लिए समर्पित है. बीते समय में हमारी जंग इसी गांव से शुरू हुई थी. भविष्य की जंग भी इसी गांव से शुरू होगी. हम सभी अब भी गुलाम हैं. हमें अपनी आजादी के लिए लड़ना होगा. हमारा पानी लूटा जा रहा है. हमारे गुरु का अपमान किया जा रहा है. पंथ वास्ते जान देने के लिए पंजाब के हरेक युवा को तैयार रहना चाहिए.'


अजनाला हिंसा के बाद आया सुर्खियों में 


खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अजनाला थाने में हुई हिंसा के बाद ही सुर्खियों में आया था. दरअसल, अमृतपाल ने अपने सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी से नाराज होकर 23 फरवरी को अपने समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था. उसके एक संदेश पर हजारों लोग तलवार और बंदूक लेकर आ गए थे. पुलिस को पीछे हटना पड़ा था. अमृतपाल सिंह ने विरोध प्रदर्शन करके अपने कार्यकर्ता को छुड़ा लिया था. पुलिस के साथ हुई झड़प में एक पुलिस अधीक्षक समेत छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे. तभी से पंजाब पुलिस उसे पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही थी.


इस बीच अमृतपाल सिंह ने कुछ इंटरव्यू देते हुए दावा किया था कि उसके समर्थकों ने अजनाला थाने में जो किया सही किया. अमृतपाल ने ये भी कहा था कि हमारा मकसद सब कुछ करना है, हमारा अल्टीमेट गोल खालिस्तान है. हमारी मंजिल खालिस्तान है. और हर समस्या का अंतिम समाधान खालिस्तान ही है.


पंजाब में पुस्तैनी घर


अमृतपाल सिंह अमृतसर के पास स्थित जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है. अमृतपाल ने शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूरी की. वो 12वीं तक पढ़ा है.  2012 में अमृतपाल दुबई गया. वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके कई रिश्तेदार दुबई में रहते हैं. इसका नाम 2022 में पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी सामने आया था. अमृतपाल ने 10 फरवरी को पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में एक सादे समारोह में ब्रिटेन की रहने वाली एनआरआई किरणदीप कौर के साथ शादी की थी. किरणदीप की फैमिसी जालंधर के कुलारां गांव की है.


अमृतपाल सिंह ने भिंडरावाले के गांव में ही सरेंडर किया है. माना जा रहा है कि खालिस्तान की मांग कर रहा संगठन सिख फॉर जस्टिस के अलावा अमृतपाल को भारत विरोधी काम करने के लिए विदेशों से फंडिंग हो रही है.


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