नई दिल्ली: एएन-32 विमान हादसे में जान गंवाने वाले सभी 13 लोगों के शवों को अरुणाचल प्रदेश की परी पर्वतीय श्रृंखला स्थित दुर्घटनास्थल से विमान के जरिये असम के जोरहाट में वायुसेना अड्डे लाया जा चुका है. पहले इन शवों को पश्चिम सियांग जिले के आलो लाया गया, फिर वहां से जोरहाट लाया गया.


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पार्थिव शरीर को उनके होमटाउन भेजा जाएगा, जहां पर रीति-रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. भारतीय वायुसेना शोक-संतृप्त परिवारों के साथ है. भारतीय वायुसेना ने भारतीय सेना, भारतीय नेवी, एनटीआरओ, राज्य प्रशासन को खोज अभियान में मदद करने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया है. 


इससे पहले, सियांग उपायुक्त राजीव ताकुक के अनुसार पर्वतीय इलाके में नेटवर्क की कमी के कारण दुर्घटनास्थल से संवाद करना मुश्किल हो गया. वायुसेना ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि विमान के ब्लैक बॉक्स के नाम से जाने जाने वाले ‘फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर’ (एफडीआर) और ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ (सीवीआर) को दुर्घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है. 


गौरतलब है कि रूस निर्मित एएन-32 विमान असम के जोरहाट से तीन जून को चीन की सीमा के पास स्थित मेंचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था, लेकिन उड़ान भरने के करीब आधे घंटे बाद रडार से इसका संपर्क टूट गया और फिर इसका कुछ अता-पता नहीं चल पाया था. इसके मलबे का पता 11 जून को चला था.