नई दिल्ली: आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर सोमवार को एक दिन का अनशन किया और उनके समर्थन में विपक्षी दलों के कई नेता भी आए. एक महीने से भी कम समय में यह दूसरा मौका था जब विपक्षी नेता केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट हुए. बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के संजय राउत भी नायडू के धरना स्थल पर पहुंचे. राउत ने कहा कि शिवसेना के प्रतिनिधि के तौर पर वह आए हैं. 


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नायडू ने रात में आठ बजकर 20 मिनट पर अपना एक दिन का अनशन खत्म कर दिया. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने नायडू को पानी पिलाकर उनकी भूख हड़ताल खत्म कराई. राज्य के मुद्दों को एक केंद्रीय मंच पर उठाने के लिये नायडू ने सुबह आठ बजकर 20 मिनट पर आंध्र भवन में प्रदर्शन शुरू किया. नायडू ने भूख हड़ताल पर बैठने से पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी और आंध्र प्रदेश भवन में आंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की.


नायडू से मुलाकात करने वाले नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के माजिद मेमन, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, 


द्रमुक के तिरुचि शिवा, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव शामिल हैं. तेदेपा अध्यक्ष ने मांग की है कि केंद्र 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के दौरान किये गये अपने वादे को पूरा करे. उन्होंने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर मोदी ‘राजधर्म’ का पालन नहीं कर रहे हैं.


पिछली बार 19 जनवरी को 22 विपक्षी पार्टियां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एकजुट हुई थीं. फ्रांस के साथ विवादास्पद राफेल लड़ाकू विमान सौदे का संदर्भ देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश की जनता से चुराकर पैसा अनिल अंबानी को दे दिया है. इस मामले में यही तथ्य है.’’ सरकार और अंबानी ने सौदे में भ्रष्टाचार के राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया है.


डेरेक ओ ब्रायन ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर में रविवार को मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने भाषण में विकास या विशेष राज्य के दर्जे के बारे में बात नहीं की बल्कि ‘‘निजी हमले शुरू किये’’. प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मोदी इतना नीचे गिर गये हैं कि वह उन नायडू के खिलाफ निजी हमले कर रहे हैं जो देश के लिये महान सेवा कर रहे हैं.’’ केंद्र पर निशाना साधते हुए मेमन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य के साथ सौतेला बर्ताव कर रही है. बीजेपी नायडू पर इसलिए हमले कर रही है क्योंकि वह उसके (बीजेपी के) खिलाफ विरोधी दलों को एकजुट करने का नेतृत्व कर रहे हैं.


सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह स्वस्थ नहीं हैं लेकिन नायडू के रूख का समर्थन करने के लिये यहां आये. उन्होंने कहा, ‘‘नायडू गरीबों, किसानों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं.’’ राज्य विभाजन के बाद आंध्र प्रदेश के साथ ‘‘अन्याय’’ का आरोप लगाते हुए तेदेपा पिछले साल बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से हट गयी थी. लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव ने मोदी सरकार पर बेरोजगारी पैदा करने का आरोप लगाया. इसके लिये उन्होंने नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराया.


अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने कहा कि संविधान को जानबूझकर नष्ट किया जा रहा है. 16 साल पहले अपांग ने ही पूर्वोत्तर में भाजपा की पहली सरकार बनाई थी. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, अहमद पटेल और जयराम रमेश भी नायडू का समर्थन करने के लिए पहुंचे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और विपक्षी दलों की राज्य सरकारों के साथ सौतेला बर्ताव करने का आरोप लगाया.


(इनपुट भाषा से)